अमृतराय का योगदान अविस्मरणीय-प्रो. हाड़ा
नई दिल्ली। अमृतराय ने केवल सृजनात्मक लेखन ही नहीं किया, अपितु अनुवाद और सम्पादन में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है। हिंदी पाठक उन्हें प्रेमचंद की जीवनी ‘कलम का सिपाही’ के लिए याद करते हैं, किन्तु ‘बनास जन’ के इस अंक से उनके कहानीकार होने का महत्व भी आ सकेगा। सुप्रसिद्ध आलोचक प्रो. माधव हाड़ा ने … Read more