बहिन-भाई अद्भुत मिलन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** भाई दूज विशेष.... भाई-बहन स्नेहिल मिलन, भ्रातृ द्वितीया आज।पर्व सनातन धर्म शुभ, पावन रीति समाज॥ मान सरोवर प्रेम जल, अवगाहन आनंद।भाई-बहिन मन है मुदित,…

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खुशियों के दीपक जले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** रोशनी से जिंदगी.... खुशियों के दीपक जले, जग मग जगमग लोक।मिटे तिमिर अज्ञान का, रोग मोह मद शोक॥ खुशियों के दीपक जले, बाल अधर…

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दीपोत्सव

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खुशियाँ झोली ले भरी, आया है त्यौहार।घर-बाहर चम-चमकते, कूड़े सब भंगार॥ दीपक की लड़ियाँ लगी, फैल रही है ज्योति।रंग सजी मनभावनी, रंगोली हर ढ्योति॥ आतिशबाजी हो रही,…

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दीपदान का ध्येय

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* रोशनी से जिंदगी... दीप पर्व पर धारिये, सुंदर शुभ नव ध्येय।प्रेम भाव का दान कर, आप बनें उपमेय॥ दीपदान में पुण्य पथ, और बसा शुभ सार।शिक्षा…

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जय बजरंगबली

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** राम भक्त हनुमान की, महिमा अपरम्पार।बोलो रे भक्तों सभी, मिलकर जय जयकार॥ माता प्यारी अंजनी, पवन देव के लाल।अद्भुत बालक वीर है, जो दानव के…

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‘माँ’ जीवन की हर खुशी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माँ जीवन की हर खुशी, माँ जीवन का गीत।माँ है तो सब कुछ सुखद, माँ है तो संगीत॥ माँ है मीठी भावना, माँ पावन अहसास।माँ से…

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धर्म-कर्म करते चलो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** सदा सत्य की राह पर, कदम बढ़े हर बार।मानव सेवा धर्म हो, मन में शुद्ध विचार॥ तन मन तब शीतल बने, जब हो अच्छा कर्म।सत्य…

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युगधारा बन्धन समझ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** नूतन नित आशा किरण, अरुणिम नया प्रभात।चलें कर्मपथ साधना, मिले सिद्धि सौगात॥ ये बन्धन हैं मन सभी,भौतिक मायाजाल।बंधे जीवन भर मनुज, लोभ शोक बदहाल॥…

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इतराता है चाँद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* इतराता है चाँद तो, पा तुझ जैसा रूप।सच,तेरा मुखड़ा लगे, हर पल मुझे अनूप॥ चाँद बहुत ही है मधुर, इतराता भी ख़ूब।जो भी देखे,रूप में, वह…

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राम राज्य की कल्पना व्यर्थ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** राम राज्य की कल्पना,व्यर्थ आज आलाप।लालच में है जन फॅंसा, सत्ता पद अभिशाप॥ मिथ्या छल दहशत घृणा, बिकते अब बाज़ार।राम राज्य की कल्पना, हास्य…

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