आसमान बरसी घटा
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* प्रकृति कहर ढाती धरा, आषाढ़ी अतिवृष्टि।बना जलधि आधा जगत, महाप्रलय घनदृष्टि॥ आधा भारत जल भरा, आयी भीषण बाढ़।आसमान बरसी घटा, अभी मास आषाढ़॥ फैली दहशत बारिशें, नदियों बाढ़ उफान।घर जन दौलत सब बहे, गई हजारों जान॥ कम्पन वर्षण भूक्षरण, लगे प्रकृति आरोप।गिरि वन तरु कर्तन दुखी, कुदरत दिखे प्रकोप॥ … Read more