बाबा साहब बन गए सबकी पहचान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* डॉ.आम्बेडकर जयंती विशेष… बाबा साहब ने दिया,हमको प्रखर विधान।बाबा साहब बन गये,हम सबकी पहचान॥ बाबा साहब चेतना,एक अटल विश्वास।बाबा साहब शान थे,जन-जन की आस॥ बाबा साहब मान थे,हम सबका अभिमान।संविधान का कर सृजन,किया सतत् उत्थान॥ बाबा साहब कर्म थे,पूरे अनुसंधान।बाबा साहब देशहित,मानवता के प्राण॥ बाबा साहब ने किया,नवल एक उद्घोष।बाबा … Read more

करो नाश खल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************* जय गौरी जगदम्बिके,दुर्गति हर तू लोक।नवदुर्गे हर पाप जन,रोग शोक तम शोक॥ अष्ट सिद्धि नौ निधि जगत,दात्री तू जगदम्ब।क्षमा शील करुणामयी,मुक्ति मार्ग अवलम्ब॥ माता रुद्राणी शुभा,वृषवाहन आरोह।महातिमिर हर मातु हिय,भवसागर मद मोह॥ देवासुर नर पूज्य नित,हिमजा गौरव मान।जगजननी रम्या शिवे,दे भक्ति प्रेम सम्मान॥ जगतारिणि अम्बे कृपा,करो मनुज कल्याण।कोरोना से … Read more

माँ दर्शन दो,करो निहाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नवरात्रि विशेष…. दुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप।संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप॥ बढ़ता ही अब जा रहा,जग में नित अँधियार।फैला दो माँ वेग से,तुम अब फिर उजियार॥ भटका है हर आदमी,बना हुआ हैवान।हे माँ! दे दो तो ज़रा,तुम विवेक का मान॥ सद्चिंतन तजकर हुआ,मानव गरिमाहीन।दुर्गा माँ दुर्गुण … Read more

मतलब

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मतलब का संसार है,स्वार्थ भरे सब लोग।बिना स्वार्थ कुछ भी नहीं,यही जगत का रोग॥ कलियुग में करते सभी,मतलब से ही प्रीति।स्वारथ के रिश्ते सभी,यही यहाँ है रीति॥ मतलब को ही देखकर,करते सब व्यवहार।मतलब से ही बोलते,यही जगत का सार॥ करता अब कोई नहीं,बिना स्वार्थ के प्रीत।सभी मतलबी हो गए,होता यही प्रतीत॥ … Read more

राम नाम यशगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* श्रीराम नवमी-१० अप्रैल विशेष… राम नाम है बंदगी,राम नाम यशगान।राम नाम सुख-चैन है,राम नाम उत्थान॥ राम नाम में ताप है,राम नाम में साँच।राम नाम हो संग तो,नहिं आती है आँच॥ राम नाम सुख से भरा,राम नाम रसधार।राम नाम के तेज से,महके नित संसार॥ राम मोक्ष हैं,दिव्य हैं,जग के पालनहार।राम शरण … Read more

पिता का संघर्ष

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* पिता कह रहा है सुनो,पीर,दर्द की बात।जीवन उसका फर्ज़ है,नहिं कोई सौगात॥ संतति के प्रति कर्म कर,रचता नव परिवेश।धन-अर्जन का लक्ष्य ले,सहता अनगिन क्लेश॥ चाहत यह ऊँची उठे,उसकी हर संतान।पिता त्याग का नाम है,भावुकता का मान॥ निर्धन पितु भी चाहता,सुख पाए औलाद।वह ही घर की पौध को,हवा,नीर अरु खाद॥ भूखा … Read more

रहना सतर्क

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* अफ़वाहों का जोर है,रहना सभी सतर्क।सत्य बात जाने बिना,करना नहीं कुतर्क॥ दुश्मन हैं जो देश के,फैलाते अफवाह।लड़ते सीधे लोग हैं,उनको क्या परवाह॥ राजनीति में फैलता,अफवाहों का रोग।दीमक सम खा जायगा,सम्भले यदि न लोग॥ झूठ और अफवाह पर,करो नहीं विश्वास।सदा सत्यता जानकर,रोको जग का त्रास॥ फैलाए अफवाह जो,रहना उससे दूर।एकसाथ मिलकर रहों,खुशी … Read more

मौसम बदला

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मौसम बदला आज तो,लगता आई ग्रीष्म।सावधान हो झेलना,ऊष्मा गर्मी भीष्म॥ भीषण लप-लप कर जले,दोपहरी की ताप।ताल नदी सब सूखते,पानी बनता भाप॥ खाते गोले बर्फ के,पकड़े कुल्फी मूठ।पेड़ खड़े पत्ते झड़े,बचे हुये हैं ठूंठ॥ तरन भोर को ताल में,घर दुबके मध्यान।चहल-पहल बढ़ने लगी,संध्या बालोद्यान॥ पंखा कूलर के तले,गरमी जाती भाग।बन्द करो तो कुछ … Read more

जीवन जल की धार

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** जीवन जल की धार है,बहना निशिदिन काम।ऊँची-नीचीं सतह पर,चले लक्ष्य को थाम॥ सुख-दुख दोनों तौल तल,कर विचार समभाव।एक उठे दूजा गिरे,जीवन का यह भाव॥ कौन आपनो जगत में,कौन परायो जान।दु:ख में भी जो मित्र बन,वही आपनो मान॥ जीवन में जो कष्ट सह,करता नित संघर्ष।कंटक भी मरुभूमि में,पाता है सुख हर्ष॥ हो … Read more

क्या इसका आधार ?

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* अमनो-अमान है नहीं,जिनको भी स्वीकार।वही बाँटते फिर रहे,नफ़रत के हथियार॥ समझ रहे कश्मीर को,यदि अपनी दस्तार।करते उससे क्यूँ भला,अलग तरह व्यवहार॥ एक तरह के फूल जो,करते हैं स्वीकार।सुन्दर भारत के नहीं,बन सकते मेमार॥ उनसे पूछो तो ज़रा,क्या इसका आधार।रोज़ सजाते लोग जो,नफ़रत के दरबार॥ ख़ून-ख़राबा सोच में,जिनके भी है … Read more