शिवाजी महाराज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************** आज वीर पावन दिवस,शिवाजी महाराज।महाकाल वह मुगल का,आज़ादी सरताज॥ महावीर योद्धा प्रबल,महाराष्ट्र की शान।वंश भोंसले कुल मुकुट,भारत माँ वरदान॥ वीर शिवाजी छत्रपति,मराठा साम्राज्य।क्षत्रिय वह रणबांकुरा,प्रेरक हिन्द राज्य॥ छद्म युद्ध में अति कुशल,राजनीति निष्णात।घोरशत्रु वह मुगल का,पार्थतुल्य जांबाज॥ औरंगजेब सल्तनत,अफ़जल खाॅं था भीत।थर-थर कम्पित मुगलिया,शिवा शक्ति रणजीत॥ क्षत्रिय कुल का … Read more

साथ निभाऍं उम्रभर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************** दाम्पत्य प्रणय मन माधवी,माघी माह वसन्त।मनमोहन माधव मधुर,सुरभित सुमन अनन्त॥ साथ निभाये उम्र भर,हम जीवन की साज।सतरंगी गम या खुशी,प्रीत युगल आवाज़॥ रस गंगाधर बन प्रिये,जीवन करूँ विलास।अंत काल तज साथ हम,मधु वसन्त आभास॥ तुम सरिता जलधार मैं,तू जीवन मैं पतवार।घटा प्रिये घनश्याम मैं,प्रीत नाव मॅंझधार॥ मैं मोहन तू … Read more

शत-शत नमन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि…. अस्ताचल लतिका लता,सुरभि गीत संसार।देशरत्न सुर कोकिला,भवसागर से पार॥ प्रीत-गीत-संगीत की,सामवेद प्रतिरूप।अवतारी माँ शारदा,धवल कीर्ति स्वर भूप॥ पंचम स्वर पिक गायिका,कालजयी वरदान।चन्द्रकला शीतल मधुर,लता लवंगी तान॥ पद्मावती जग गायिका,पद्मविभूषण ताज।दादा साहेब फाल्के,गरिमा भारत नाज॥ शान्ति कान्ति मृदुला प्रकृति,महाराष्ट्र थी रत्न।अमर गीत माँ भारती,सार्थवाह थी … Read more

महाप्रयाण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* सुरों की अमर ‘लता’ विशेष-श्रद्धांजलि… कोकिली कंठी गायिका,छोड़ गई,हम मौन।ऐसा स्वर अब है कहाँ,रस छलकाए कौन॥ नाम लता था,जान लें,जो थीं इक उपहार।सदियों में पाता कभी,वर ऐसा संसार॥ मातु शारदे रूप थीं,वीणा का अवतार।ताल,वाद्य सब उर बसे,हर लय थी साकार॥ बनकर भारत की रतन,बनीं सदा सिरमौर।गूँजी स्वरलहरी सतत,कोई भी हो … Read more

करो मुल्क से प्यार

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** सर्द हवा के कोप का,होना है अब अंत।खुशगवार मौसम लिए,फिर आ गया बसन्त॥ दहशतगर्दी का चरम,देख रहा है देश।करिये ऐसे काम ता,सुधरे ये परिवेश॥ कुछ भी कह सकते नहीं,उसका क्या किरदार।गाली देने के लिये,हरदम जो तैयार॥ व्यापारी-सी सोच का,सजा रखा दरबार।जिसके चलते बन गयी,राजनीति व्यापार॥ हमें नबी सिखला गये,करो … Read more

मानवतावादी बनें

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ गाँधी जी का था कथन,है आराम हराम।काम करें मिलकर सभी,मन पाता विश्राम॥ काम सभी खुद ही करें,माने न कभी हार।राग द्वेष को छोड़ दें,खुले खुशी के द्वार॥ सत्य राह पर हम चलें,लेकर सबको साथ।हाथों में जब हाथ हो,मिल जाते हैं नाथ॥ जात धरम को त्याग दे,सबको अपना मान।मानवतावादी बने,पाएं जी सम्मान॥ राम … Read more

जन गण मन की जीत हो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** गणतंत्र दिवस विशेष…. जन गण मन की जीत हो,जय हो भारत देश।चलो मनाये साथियों,ये गणतंत्र विशेष॥ ये गणतंत्र विशेष हो,भारत की जयकार।जनमानस में चेतना,मिले सभी अधिकार॥ मिले सभी अधिकार वो,सबका होवे न्याय।साथ-साथ मिलकर चलें,कोई छूट न पाय॥ शान तिरंगे की बढ़े,कभी न झुकने पाय।नील गगन की छाँव में,लहर-लहर लहराय॥ अमर … Read more

पर्यावरण और बरसात

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** पर्यावरण बचाइये,धरिये मन यह बात।पेड़ लगाएं भूमि पर,आज करेऺ शुरुआत॥धरती हरियाली सजी,वृक्ष सजे नव पात।फूलों से महके खिले,सजे हुए हरषात॥ धरती अंबर खिल उठे,महक उठे बरसात।शुद्ध हवा पानी लिए,जग पाए सौगात॥स्वच्छ हवा में घूम कर,जल्दी उठकर प्रात।स्वस्थ रहें ताजे रहें,पाए निंद्रा रात॥ पायेऺ घर परिवार संग,बरसाती सौगात।सरवर सारे खिल उठें,ये सुंदर-सुंदर … Read more

कलम बने हथियार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* आग उगलती लेखनी,ही लाती परिणाम।जो बदले युग को सदा,लाये नव आयाम॥ लेखन में जब सत्य हो,परिवर्तन का भाव।वही लेखनी पूज्य है,जिसमें जनहित-ताव॥ गाये जो बस दर्द,ग़म,पीड़ाओं के गीत।बने झोंपड़ी,भूख की,जो सच्ची मनमीत॥ वही लेखनी धन्य है,जो असत्य से दूर।जो रखती संवेदना,वही कलम मशहूर॥ कलम बिके ना,दृढ़ रहे,हों कैसे हालात।तभी बनेगी … Read more

सुखमय हो आगत समय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** जीवन के रंग (मकर संक्रांति विशेष)…. पर्व कृषक शुभ लोहड़ी,चहुँ दिशि जला अलाव।अर्पित गेहूँ बालियाॅं,भूल सकल मन घाव॥ पर्व मकर संक्रांति है,वैज्ञानिक त्यौहार।सूरज शनि की हो कृपा,धन सुख यश उपहार॥ तिल लड्डू गुड़ पर्व यह,नयी फसल हो गेह।रवि मकर उत्तरायणी,दक्षिणायण तज नेह॥ खुशियों का अनुपम मिलन,पर्व पौष मासान्त।पावन उत्सव … Read more