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ताजमहल-भारत का गर्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)

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अमर मुहब्बत की कथा,है भावों का नूर।
शाहजहाँ ने रच दिया,ताजमहल भरपूर॥

बेग़म पर सब वारकर,दिया सुखद उपहार।
शाहजहाँ ने कर दिया,रोशन यह संसार॥

थी बेग़म दिल के निकट,शाहजहाँ का ताज।
इतिहासों में है अमर,कहलाती मुमताज॥

दुनिया में जानी गई,संगमरमरी आभ।
ताजमहल तो बन गया,बेहद ही अमिताभ॥

शहर आगरा भा रहा,करे पर्यटन ख़ूब।
हर इक मन प्रमुदित रहे,रहे हर्ष में डूब॥

मुग़ल शाह का शिल्प यह,है मंगलमय गान।
भारत का जो कर रहा,दुनिया में यशगान॥

मध्यकाल का स्वर्णयुग,था चोखा इतिहास।
कहने को वह मकबरा,पर नेहिल-सी आस॥

रखे मुहब्बत ताज़गी,बतलाता यह बात।
ताजमहल है बंदगी,प्रियवर को सौगात॥

सदा मुहब्बत क़ीमती,होती है अनमोल।
ताजमहल नित बोलता,प्यार भरे मधु बोल॥

करो प्यार,छोड़ो निशां,प्यार बने अनमोल।
ताजमहल-क्या बात है,सब इसकी जय बोल॥

युगों-युग तक है अमर,ताजमहल-आकर्ष।
जिसमें है रौनक भरी,और मुहब्बत-हर्ष॥

अभिनंदित है ताज नित,जो दुनिया में एक।
ताजमहल हर पल लगे,कितना व्यापक-नेक।।

भारत का है गर्व जो,है भारत का कोष।
ताजमहल की बोलते,हम सारे जयघोष॥

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।

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