प्रिय स्मृतियों में तेरे…
डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… जिस पथ से गए समर शेष में,उस रज का तिलक लगाऊंगीप्रिय स्मृतियों में तेरे…मिलकर मैं दीप जलाऊंगी। उस दिन निशीथ की बेला में,जब जल उठे थे,दीप सुनहरेगगन अभी कुछ लोहित ही था,पवन अभी कुछ मोहित ही थाआलिंगन से चहका ये तन था,मधुर प्रेम में … Read more