मन में बसा कर
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मैं बढ़ रहा,आगे लक्ष्य पर निशानासाधते हुए मैं बढ़ रहा,गुरु की मूरत मन बसा कर। मैं इतना बड़ा नहीं,मैं दीन-हीन कैसे शिक्षा ग्रहण करूँ ?पर…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मैं बढ़ रहा,आगे लक्ष्य पर निशानासाधते हुए मैं बढ़ रहा,गुरु की मूरत मन बसा कर। मैं इतना बड़ा नहीं,मैं दीन-हीन कैसे शिक्षा ग्रहण करूँ ?पर…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जन्मे मथुरा, पले गोकुल में श्रीनाथ,वृंदावन में रास रचे, गोवर्धनपति नाथयमुना विषमुक्त की कुचल कालिया नाग,राधा जी के प्रेम में, मिला बरसाने तक साथ। यशोमती…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* चोटों के ज़ख्म तो भर जाते हैं,बातों के जख़्म घर कर जाते हैंजुबान पर रखना काबू सदा,इसकी धार से सब मर जाते हैं। जुबान होती है…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* फलियाँ लुटा चुकी हताश इमलियों पर अब,उग आयी है नई कोंपलेंखुले बदन पर इमलियों ने ओढ़ लिए हैं,कोमल पत्तियों के शानदार घोंसलेफिर सज-धज गयी है इमलियाँ,…
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** द्यूत खेलने का आमंत्रण खुद स्वीकार किया था,इन्द्रप्रस्थ से हस्तिनापुर तक का सफर किया थापता नहीं था द्यूत उसे किस नर्क में धकियाएगा,द्यूत का वो अंजाम उसे…
प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** मेरे शिव-शंकर के जैसा,कोई दानी नहीं।सच्चे मन से शरण में हूँ,कोई दयानी नहीं॥ शिव की कृपा से उनकी,सुंदर भक्ति जीवन में आए।शिव की करुणा…
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** दौड़ती, टिक-टिक मैं घड़ी हूँ,समय-प्रियतम प्रेयसी मैं हूँसमस्त जग वश, समय घड़ी हूँ,प्रेयसी सह-प्रिय सदा मैं हूँ। उच्चतम दर क्रय दे सजाते,शान-शौकत अहम इठलातेवाह! खूब,…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** तेरे नाम का श्रृंगार कियातो फूल इतराने लगे,क्योंकि उनके अपने रंग हैंउनका अपना श्रृंगार है,मिजाज भी उनके अपनेजो भौंरे तितलियों को,बुलाते अपने पास। तितलियों के पंख…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तनिक सुधरने का अवसर दे,क्षमाशील स्वभाव दिखेगासहनशीलता प्रकृति राष्ट्र की,वरना कुरुक्षेत्र फिर सजेगा। दमक रही पृथ्वी अग्नि सब,तेजस आकाश भी दमकेगाप्रलयंकर ब्रह्मोस मिसाइल,तहस-नहस फिर…
मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* आज ज़िंदगी की किताब के पन्नों को जब दिल ने पलटाया,बहुत कुछ भूला-बिसरा याद आयाकुछ यादों के पन्नों ने मुझे गुदगुदाया,किसी ने मुझे रुलाया, किसी ने…