परोपकार की मूरत लोक माता

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ एक साधारण परिवार में जन्म, लेकर वह बनीं महारानीकभी भी उन्हें कोई भूलेगा नहीं,वह परोपकार की मूरत लोक माता। होलकर राजवंश की बहू बनकर,मालवा की…

Comments Off on परोपकार की मूरत लोक माता

दीवारें ही दीवारें

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* दीवारें ही दीवारें बढ़ती जा रही है आसपास,जहां भी नजर डालो उठ रही है दीवारें पास-पासयहाँ कभी खुली हवाओं की आवा-जाही थी,हवाएँ कभी आया करती थी,…

Comments Off on दीवारें ही दीवारें

नए भारत के नए स्वप्न

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* सहनशीलता की एक सीमा, तय करनी होगी,नंगो को मिल रही छूट अब, नहीं सहनी होगीभीरू से मर्दानगी की, उम्मीद नहीं करते,अब निर्दोषों को अग्नि परीक्षा, नहीं…

Comments Off on नए भारत के नए स्वप्न

सन्नाटा

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** समय सुन रहा है,निर्जीव सेअवसादी कदमों की आहट। राजनीतिक उलटबासियाॅं,भविष्यत् भूमि की उर्वरता कोबंजर बना रही हैं। समाज,आत्ममुग्धता के रोग से ग्रस्त है।देशउन्नति के नारे सुनकर…

Comments Off on सन्नाटा

सपनों की लाशों के बीच

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* भरी ग्रीष्म में जब बेमौसम वर्षा ने उत्पात मचाया,बारिश पहले किसानों की आँखों में दर्द उतर आयाबड़ी मेहनत से उगाया था धरा की गोद में प्याज…

Comments Off on सपनों की लाशों के बीच

हाय! गरमी प्रचंड

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** गरमी तेज़ प्रचंड हुई,किल्लत पय चहुं हुईपसीने से तर-बतर हो,ज़िंदगी दुश्वार हुई। लू बैरिन प्रचंड दहाड़,गर्मी विकट सताए हुएपसीना उभर-टपक रहा,धरती हाय! तौबा हुए। बड़ी…

Comments Off on हाय! गरमी प्रचंड

मेरे अस्तित्व का रूप

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* इस अनिश्चित जग में,मैं ठहर जाती हूँकुछ अनजान भय से। निरंतर काम करने,के बाद मैं दौड़ जाती हूँसुनसान पड़े खाली घर में। उस भरी महफ़िल में,रिश्तेदारों…

Comments Off on मेरे अस्तित्व का रूप

अहंकार को नष्ट करना होगा

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* हर चीज़ जल रही है,आग की लपटें उठ रही हैये लपटें कहाँ से आ रही हैं ?मन के अंदर से शायद…! मन एक ज्वलनशील यंत्र है,यह…

Comments Off on अहंकार को नष्ट करना होगा

काश! कोई पूछता..

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* काश कोई पूछता मुझसे,पीड़ा व्यथित हृदय कीलगाता जो मरहम प्यार का,कुछ पीड़ा कम हो जाती। काश! कोई समझ पाता,मेरे दिल में उठता तूफानफिर हौले से दिखला जाता,राह…

Comments Off on काश! कोई पूछता..

भाग्य है बेटी

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ बेटी खुशी है,सुख है समृद्धि हैबेटी आशा है,बेटी भाग्य है, विधाता है। नन्हें कदमों में वह लक्ष्मी,कर्म में वह सरस्वतीमाँ-बाप का आधार है,बेटी भाग्य है,…

Comments Off on भाग्य है बेटी