श्रमेव जयते
गोवर्धन थपलियालनई दिल्ली******************************************** श्रम आराधना विशेष... सूरज आक्रोशित हो आग बरसाता जाता है,घाम की तीव्रता चढ़ रही जन-जन प्यासा है। इस भीषण गर्मी में मानव जूझता रहता है,सुबह-सबेरे से दिन…
गोवर्धन थपलियालनई दिल्ली******************************************** श्रम आराधना विशेष... सूरज आक्रोशित हो आग बरसाता जाता है,घाम की तीव्रता चढ़ रही जन-जन प्यासा है। इस भीषण गर्मी में मानव जूझता रहता है,सुबह-सबेरे से दिन…
डॉ. पंकज कुमार बर्मनकटनी (मध्यप्रदेश )************************************** श्रम आराधना विशेष.... मुट्ठी में धूप समेटे चलता है वो हर रोज़,माथे पे पसीने का ताज लिए रखता है संजोग। मकान तेरा हो या…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* देखो वह रामलाल का लाल,लाल बाबू है बड़ा ही कमालबचपन से ही पढ़ने में तेज,पढ़ाई बिना लगाता नहीं सेज। पढ़ता वह मन लगाकर दिन-रात,गुरूजन भी…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* तनिक थोड़ा-सा आराम तो करने दो,दो पल लिए मन को बहला लेने तो दो। कुछ पल लिए ही सही, जी लेने दो,तनिक थोड़ा-सा आराम करने दो।…
डॉ. अमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथरायगढ़ (महाराष्ट्र)***************************************** श्रम आराधना विशेष... है मजदूर तू है सृजनकार,गगन चुम्बी इमारत खड़ी है आपके श्रम पर। घर सबके बनाते हो आप,झोपड़ी में जिंदगी बिताते हो आप।…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी… (पहलगाम हमला विशेष)... धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा अब क्यों पीटे ?जब हम शांति पूर्ण, मैत्रीयता का पालन करते आ रहे।ऐसा पाकिस्तान में कहाँ…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जान मुझे हूँ कामगार मजदूर समझ ले मुझको,कर्मवीर मैं श्रमिकवीर हूँ, स्वाभिमान समझ ले मुझको। शिथिल गात्र और ढंसा गर्त नैनाश्रु समझ ले मुझको,है…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... क्यों चीखे गूँजी घाटी में सिंह नाद करना होगा,निर्दोषों का क्यूँ खून बहा, शंखनाद करना होगातेरी गीदड वाली…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हमारे सपनों का घरौंदा जो मेहनत से बनाते हैं,बड़ी-बड़ी इमारतों को धरती पर साकार करते हैंकागज़ पर अदभुत-सा नक्शा तो आप बनाते हो,पथरीली जमीन पर उसे…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... घर का भेदी लंका ढाए, बात सही है,उसको तो अब मारा जाए, बात सही है। देशद्रोहिता सहन न…