हे! जल-दूत कह दो जा के…

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... भारत का इतिहास रहा,झेलम (जल) से न कोई वंचित रहाखून की होली खेली उसने फिर आज,जल को…

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प्रतिकार ज़रूरी है

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** पहलगाम में हुआ हादसामचा दिया कोहराम वहाँ,नरभक्षी आतंक फैलाने-क्रूर, दरिंदे कुछ गए जहाँ। गए घूमने थे सब ख़ुश होकितनों के घर ध्वंस किए,गोली तक-तक कर थी मारी-'जाति'…

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पुस्तक अपनी अच्छी साथी

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** 'क्या अच्छी दोस्त…? (विश्व पुस्तक दिवस विशेष)... पुस्तक अपनी अच्छी साथी,मैं क्या-क्या तम्हें बतलाऊँ। पुस्तक प्रेम का अलग मजा,है इसकी बात बड़ी निरालीबिना पुस्तक बात बने न,जीवन…

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जब जागो, तभी सबेरा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जब जागो तुम तभी सबेरा, केवल तुम खुद को पहचानोजगी आस्था खुद पौरुष रण, है वक्त साथ तुम पहचानोहो सत्य साथ आलस्य दूर, अभ्यास…

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नारी:आन-बान-शान

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* तुम परिभाषित नहीं कर सकते नारी को,किन्हीं अल्फ़ाजों से या किन्हीं प्रतीकों से। वह कल्पना से परे, उसके बिन सब अधूरे,नहीं पाता पूर्णत्व कोई, चाहे पास…

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जग में सबके प्रभु जी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मानव सजा लें,खुद में भलाईसजाते प्रभु जी,हर ज़िंदगी कोसजें कर्मों से,जीवन सभी केजीवन की खुशी,कर्म से सजती। सभी के जीवन,धरा में पलतेहों संघर्ष तो,मिटते दु:ख…

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‘विश्व पृथ्वी दिवस’ पर कराई काव्य गोष्ठी

रोहतक (हरियाणा)। 'विश्व पृथ्वी दिवस' के अवसर पर प्रज्ञा साहित्यिक मंच (रोहतक) के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं बाबा मस्तनाथ विवि के…

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एक पल में पतझड़ आ गया…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... हनीमून का ऐसा दिवास्वप्न, दिखाया था तुमने…तुम संग यहाँ आकर, उल्लासित थी कश्मीर घूमने। स्वर्ग-सी धरा पर फैली, हरी-भरी…

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खून बहाकर पियोगे सिंधु का पानी ?

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... कायर राक्षस बुज़दिल पाकिस्तानी,सब दिन हरकत करते हो बचकानी। निहत्थे मासूमों का खून बहाकर,दरिन्दे बेशर्म पियोगे सिंधु का पानी…

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अनगिनत सपनों का अम्बर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उन अनगिनत मुसीबतों का,हिसाब लगाना मुमकिन नहींउन अनगिनत उलझनों से,जूझना जोखिम से कम नहीं। उन अनगिनत राहों का,एक बिंदु पर मिलना संभव नहींउन अनगिनत सितारों का,चमकना…

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