कैसे लाज बचेगी ?

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** परिभाषा देखो बदल रही,अब तो अपने समाज कीकैसे लाज बचेगी सोंचो!अपने घर और परिवार की। पढ़े-लिखे आगे बढ़ें बेटियाँ,इसमें तो कोई बुराई नहींआजादी अच्छी है लेकिन,उच्श्रृंखलता अच्छी…

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सनातन संस्कृति का समागम

भागचंद ठाकुरकुल्लू (हिमाचल प्रदेश)******************************************** प्रथम यज्ञ भूखंड धरा पर आर्य का आगाज है,है पावन संगम की धरती यह प्रयागराज है। कण-कण में भगवान बसे पग-पग स्वर्ग से धाम यहाँ,गंगा, यमुना,…

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खूबसूरत ख़ंजर

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** जीत कर अनगिनत लड़ाइयाँ,सत्ता के सिंहासन तक पहुँचातो देखा-रत्न-जड़ित ख़ंजर,सत्ताधीशों की अर्चना में आलोकितअंगीकार किए कई रक्त-रेखाएँ,मानो वह कोई शिल्प होजो इतिहास की छैनी से…

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छा गई वसंत बहार

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** जंगल सजे,जैसे टेसू ने किया श्रृंगारआम के फूल महके,जैसे जंगल के द्वारकोयल कूकी ऐसे,जैसे बज रही शहनाईजंगल द्वार,लगने लगा जैसेछाई हो जमके वसंत बहार। ताड़ी के पेड़…

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‘ज़िंदगी’ जीने की कला

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** ईश्वर से सबको,ज़िंदगी मिली हैकिसी को कम,किसी को ज्यादा मिली है। ज़िंदगी सबके पास है,पर सबको जीना नहीं आताहर व्यक्ति खोने और पाने,की चिंता…

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साहस कभी खोना न

सरोज प्रजापति 'सरोज'मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आई परीक्षा पर चर्चा,चर्चा में परीक्षा वक़्तआएगी जब परीक्षा पर्चा,होने न देना अपनी चर्चा। साहस कभी तुम खोना न,किस्मत कोस रोना नासाधे चिंतन से चिंता…

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जीवन की आकांक्षा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जीवन की आकांक्षा जैसे कल-कल बहती नदिया धारा,भावों से स्पंदित रचता सृजन कल्पना कोई बेचारा। वह मानव को मानव गढ़ता उसको दोषमुक्त करके,कुत्सित जग का रूप सजाता…

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मायूस चेहरे खिल जाएँगे

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जब तक जागे हैं,बातें करते रहिए जनाबन जाने कब,आँखें बंद हो जाएँ…और हम पछताते रह जाएँ। जब नींद आएगी,इस कदर सोएंगेकि लोग जगाएंगे बहुत,मगर हम जाग नहीं…

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धरती पर स्वर्ग बसा

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* महाकुम्भ के अपूर्व वैभव का, दिव्य महागान आसान नहीं,हिंदुत्व के चरमोत्कर्ष का, उत्सव है यह खेल नहीं। अदभुत विशाल प्रभु-भक्ति का, दूजा कोई धाम नहीं,हिंदू-धर्म का…

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शिव सत्य है…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शिव हैं परमपिता,वही हमारा आधार हैधरती पर वह सत्य है,वह शून्य भी और सर्वव्यापी शिखर भीक्योंकि, वह हम सभी के लिए सत्य है। दुनिया को…

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