भारतीय साहित्य पर चिंतन-मनन की महती आवश्यकता-प्रो. बाबूराम
देहरादून (उत्तराखंड)। वर्तमान में भारतीय ज्ञान परम्परा, सामाजिक समरसता, पर्यावरण, भारतबोध, टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारतीय साहित्य विश्व साहित्य पर चिंतन मनन की महती आवश्यकता है। निशंक जी का साहित्य विश्व साहित्य की श्रेणी में परिगणित होता जा रहा है। अन्तरराष्ट्रीय साहित्य संस्कृति एवं कला उत्सव-२०२५ में यह विचार मुख्य वक्ता के रूप में ‘रमेश पोखरियाल … Read more