प्यार ज़मीं पर

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** बे-लौस¹ महब्बत भरा किरदार ज़मीं पर।दिल चाहता है आसमाँ-सा प्यार ज़मीं पर। गर इश्क़ में तासीर हो मंज़र है ये मुमकिन,हो अर्श के महबूब का दीदार ज़मीं पर। उल्फ़त का जहाँ भर में नहीं मुल्क है कोई,हिंदोस्ताँ से बढ़ के परस्तार² ज़मीं पर। है प्यार ज़ियादा ये गुमाँ तोड़ने … Read more

काम भला कर ले

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जिंदगी में नया सिलसिला कर ले,काम थोड़े सही, भला कर ले। ख़त्म कर ले अज़ाब दुनिया के,इक दफ़ा आज हौंसला कर ले। राब्ता रख के नेक नियत से,खुद से पहले जरा गिला कर ले। खुशनुमा जीना जिंदगी है तो,वक्त है आज फैसला कर ले। कौन-सा आदमी मुकम्मल यहाँ,चल बेज़ारी से फासला कर … Read more

खुशरंग हिना

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** चिलचिलाती धूप हम, मौज की रवानी की,दमदार किरदार से, अनपढ़ी कहानी की। हालात की आंच को, ज़िद भट्टी झोंक कर,किया दर्द दफा सफ़ा, दिल को रूमानी की। शोखियां गुल पे लुटा हवाओं को उड़ा कर,समेट दिल सुर्ख़ियाँ रंग आसमानी की। अच्छे हम हमीं बुरे, बंदिश और बेड़ियाँ,मन हुआ तो मान ली मन … Read more

आस की धूप

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दिल में सन्तोष गर आस की धूप है।इस धरा का समझिये वही भूप है। बदलियों को हटा कर ज़रा देखिए,आसमां ता ज़मीं धूप ही धूप है। स्याह अन्दर से लीडर बहुत है मगर,सामने सबके आता अलग रूप है। सामने से लगे एक मन्दिर मगर,ध्यान से देखिए इक बड़ा स्तूप … Read more

ईमां की दमदारी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* धार पसीने की जब जारी रहती है।दूर हमेशा तब लाचारी रहती है। हाल सभी आ आकर पूछे हैं उसका,प्रेम गली में इक दुखियारी रहती है। मीठे बोल ज़बां तक हैं महदूद फ़क़त,दिल में उसके बस मक्कारी रहती है। डर लगता न ज़रा भी उसको दुनिया से,जिसमें ईमां की दमदारी … Read more

अपनी मेहनत देख

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** गाड़ी देख न बंगला देख,न दुनिया की दौलत देख। चाहत अगर आसमां की है,पहले अपनी मेहनत देख। कौन पराया, अपना कौन,राज तभी खुल जातानजर फेर लेते जब अपनी,जेब की खस्ता हालत देख। कहीं बाढ़, भूकंप कहीं पर,कहीं पड़ रहा सूखाछेड़छाड़ कुदरत से की है,अब उसकी भी ताकत देख। भंवरे देख, … Read more

हम रुकेंगे अब नहीं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* चल पड़े तो चल पड़े हक़ अपना पाने के लिए।हम रुकेंगे अब नहीं झूठे फसाने के लिए। ख़ूबियों का ख़ामियों का एक पुतला आदमी,आज़माना मत किसी को आज़माने के लिए। जह्न का है सख़्त अन्दर से बहुत नेता मगर,बाहरी नर्मी महज है बस ज़माने के लिए। आपसे उल्फ़त नहीं … Read more

बंदगी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कहता सभी को, सुनता सभी की।खुशियाँ सजाता हूँ ज़िन्दगी की। सजते सभी हैं अपनी खुदी से,करता इबादत मैं बन्दगी की। रहती खुदाई सबके दिलों में,देती सजाएं शर्मिंदगी की। मिटकर तमन्ना बनती शिकायत,सजती मगर हर संजीदगी की। कोशिश बहुत करता है ‘चहल’ पर,सीरत न रुकती है बन्दगी की॥ परिचय–हीरा सिंह चाहिल … Read more

यही ज़िन्दगी है

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कहीं ग़म हज़ारों कहीं हर ख़ुशी है।यही ज़िन्दगी है यही ज़िन्दगी है। महज लफ्ज़ अच्छे नहीं यार काफी,दिलों को  जो  भाये  वही शायरी  है। न दिल से अगर हो इबादत कहाँ फिर,सभी कुछ भुला दे वही बन्दगी है। अगर दिल के अंदर मुहब्बत बसी हो,निभा ले उसे भी अगर … Read more

जीवन का संबल माँ

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** जब भी भटका हूँ मैं पथ से राह मुझे दिखलाती माँ।बुरे दिनों के बादल आते, उनसे हमें बचाती माँ। कितनी पीड़ा सहकर माता, हमको जग में लाती है,देख-रेख और रक्षण करती शिक्षक बन सिखलाती माँ। बेटा-बेटी के शैशव में संस्कार सिखलाती है,गर जीवन कुछ शुष्क हुआ तो बदली बनकर छाती … Read more