दीदार हो जाए

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** आओ न उनका एक दीदार हो जाए,बेचैन दिल फिर एक बार मौन हो जाए। आओ तस्वीर दिखाऊँ एक महबूब की,दिल में बसी यादें वो भी पुरजोर हो जाए। मेरा गम बड़ा गमगीन है जिसने गम,दिया वही काश! मरहम भी लगा जाए। हम तो बेकशी के तसव्वुर में आए हैं,हजारों दिलो … Read more

काश! हमदम मिले कोई

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** काश! हमदम मिले नया कोई,दर्द-ए-दिल की मिले दवा कोई। मुद्दों से खुशी मिली ही नहीं,दिल तरसता, मिले मज़ा कोई। कल सुनहरा हो आरज़ू ये है,मेरी मेहनत का हो सिला कोई। मुझसे होती है तेरे हक़ में दुआ,तू मेरे हक़ में करे दुआ कोई। फंस गई है भँवर में नाव मेरी,काश! … Read more

साथ चलें सभी, तभी देश

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सौ धागे इक साथ मिलें मोटी रस्सी बन जाए,अलग-अलग जब स्वर मिलें, सुंदर गीत बन जाए। सुख-दु:ख में लोगों के जब हाथ थाम कर चलते,मन में संतोष पाले जब साझे दीप हैं जलते। न धर्म जाति का बंधन हो न भाषा की हो सीमा,आपस में सब साथ रहें और प्यार … Read more

शोर बहुत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** दायरे और बढ़े ये कोई अच्छा तो नहीं,वो सुधर जाएगा ऐसा कोई वायदा तो नहीं। शहर में शौर है सड़कों पे हैं इंसान बहुत,होने वाला है यहीं आज कोई जलसा तो नहीं। झूठ को सच में बदलना उसे आता ही नहीं,आईना आईना है, उसका कोई अपना तो नहीं। उसने देखा … Read more

मन के भाव

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सपने नित नए जगने लगे हैं।मन के भाव गुनगुनाने लगे है। आने वाला था वो नहीं आया,कमल के फूल कुम्हलाने लगे हैं। ये उदासी के अंधेरे और तन्हाई,अब मेरे ख्वाब मुरझाने लगे हैं। जिसको देखो वही उदास है अब,हम पे जो बीती उसे भुलाने लगे हैं। उसके आने की है … Read more

इश्क़ करना खता थी

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** नासमझ बेअदब, बेवफा, आदमी,खुद को भी अब समझता है खुदा आदमी। ज़िंदगी बर्बाद कर डाली है उसने प्यार में,बारहा पैरों से जमीं छीन लेता आदमी। बेवफाई का तेरी शिकवा भला कैसे करूँ,पाक मोहब्बत की भी तौहीन करता आदमी। इश्क़ करना क्या खता थी कोई बतलाए मुझे,वादा करके क्यूँ हो गया … Read more

चाहत उभर रही है

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** तुम्हारी नजरों ने जबसे देखा,अजब-सी चाहत उभर रही है। छुपे हुए दबे अहसासों से,नजर हमारी उतर रही है। सवालों की है कद्र तुम्हारी,जवाबों की भी उम्र बड़ी है। सुना है हमने तुमको जबसे,फिज़ा भी हमसे चहक रही है। खिले गुलाबों की रंगतों से,हवाएं भी यूँ सर्द हुई है। गजब मोहब्बत … Read more

आज के बच्चे

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** छुड़ा रहे हैं उंगली मचल- मचल के,ज़िद माँ से कर रहे हैं देखो बहल- बहल के। गिरते हैं, उठते हैं खुद पर ये भरोसा है,चलना वो सीखते हैं खुद ही सम्भल-सम्भल के। बारिश के बुलबुलों को कैसे-कैसे वो पकड़ते हैं,पानी में दौड़ते हैं बच्चे उछल-उछल के। माँ की दुआओं ने … Read more

बुलंद किरदार

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** दानिश का जिक्र होगा तो मैं भी दबीर हूँ।आदम की ही मैं आल हूँ उसका खमीर हूँ। मैं खुद अनापरस्त भी हूँ बा उसूल भी,इज़्ज़त के मामले में बड़ी ही अमीर हूँ। सौ बंधनों में बंध के भी टूटी नहीं कभी,हक़ ही बयान करती हूँ, गो की सगीर हूँ। दुश्मन … Read more

आया भला जमाना कैसा

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** रातें रूठीं दिन है दुश्मन, आया भला ज़माना कैसा,एक अजब सा दु:ख है मेरा, दर्द है ये अनजाना कैसा। आँखें सूनी, सपने टूटे, आहों पर भी पहरा है,अपने ही घर में कैद हुए हैं, क़ैद में ही मर जाना कैसा। फूल चुभे हैं, काँटे महके, मौसम कुछ दीवाना है,कुदरत भी … Read more