जिंदगी
प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२×४-फाउलुन×४) ज़िन्दगी आजमाती है इंसान को। वो परखती है इंसाँ के ईमान को। ज़िन्दगी हादसा खूबसूरत कहें, ज़िल्लतें बस दिखें यार नादान को। आम…