झूठी दुनिया
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चुनौतियां बन गया तुम्हारा तिरस्कार, झूठी दुनिया और अपना घर परिवार। देखो भौंक रही हैं मेरी समस्त गज़लें, और अक्षर बन गए…
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चुनौतियां बन गया तुम्हारा तिरस्कार, झूठी दुनिया और अपना घर परिवार। देखो भौंक रही हैं मेरी समस्त गज़लें, और अक्षर बन गए…
अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** (रचना शिल्प:१२२२ १२२२ १२२२ १२२२) कठिन श्रम से सफलता शीघ्र सबको हाथ लगती है, लगाओ जोर दम भरके,सहज बुनियाद हिलती है। कमाओ लाख धन…
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** थक चुका हूँं भारी प्रहार न कर। काट दे गर्दन तू इन्तजार न कर। मेरे अपने भी अपने ना हुए यहां, रणभूमि…
ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ अपने विचार मैं सबको बताऊं कैसे, मन में क्या है सबको सुनाऊं कैसेl हरदम किया है प्रयास हँसाने का, अब हँसते हुए को रूलाऊं…
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* इक मुकम्मल दास्तां है ज़िंदगानी दर्द की। मुस्कुराते लब के पीछे है निशानी दर्द कीl ठोकरों के बीज बो कर सींचती है…
ऋषभ तोमर ‘राधे’ मुरैना(मध्यप्रदेश) ****************************************************** निज अधिकार समझ के अपने मत का कर लें दान, रे भइया चलो करें मतदान,रे भइया चलो करें मतदानl पाँच वर्ष पश्चात मिला है हम…
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चलो हटो तुम मेरी नजरों से दूर हो जाओ। फिर औकात में रहो या मगरूर हो जाओ। मेरी हस्ती मिटाने वालों सोचो…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** यार उसने मुझे सताया है, मैंने दिल में जिसे बिठाया हैl उसका हँसना सुकून देता क्यूँ, रोज जिसने मुझे रुलाया हैl दूर जायेगा मेरी…
शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ खुदी चलकर बहाने से ये रस्ते क्यों नहीं आते। घरानों से मिरी बेटी को रिश्ते क्यों नहीं आतेl पराई थीं,पराई हूँ,पराई ही,रहूँगी मैं,…
विद्या पटेल ‘सौम्य’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** मुफ़लिसी में फिर हमें सताने आ गए। तसव्वुर-ए-चिरागा को बुझाने आ गए। जश्न में हिमाक़त क्या दिखाई हमने, इज़्तिराब होकर नींद में डराने…