इसमें राम रमा है
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पृथ्वी दिवस विशेष…. मत इसका परिचय पूछो तुम,यह तो धरती माँ है।तन से सुदृढ़ सुकोमल मन से,ममता की प्रतिमा है॥ आँधी पानी ओले झेले,बारूदी गोलों से खेलेकोई भी आ जाय बवंडर,हर संकट से पंगा लेले।पालन पोषण करती जग का,बड़ी अजब महिमा है। सूरज आता इसे तपाने,चंदा शीतलता दर्शानेनीर बरस कर फसल उगाता,वायु विचरता … Read more