रंगीला फागुन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… फागुन आया है रंगीला फागुन आया है,फागुन आया है रंगीला फागुन आया है।उड़ रही रंगों की बौछार,जी रंगीला फागुन आया॥…

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पूरे ही डूबे थे हम

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली के रंगों की हम पर थी बारिश,पूरे ही डूबे थे हम।लाल हरे पीले में काफी उमंगें थीं,काला रँग रचता था ग़म॥…

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भारत की सबलाएँ हैं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ समझो हमें न अबला हम तो,भारत की सबलाएँ हैं,जला गगन को भी दें ऐसी,जौहर की ज्वालाएँ हैं।तीर सदृश रणवीरों की ही,हम असीम तूणीर बनीरक्षा हेतु देश की अपने,लोहे…

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आज भी वह तो लुटती है

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’बारां (राजस्थान)******************************** नारी और जीवन (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)…. बनकर बाजार की वस्तु,वह हर रोज सजती है।मुजरे दरबार की रौनक,वह अक्सर बनती है॥ वह एक सेज होती है,नेता लोगों…

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वेदना

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:सार छंद आधारित,२८मात्रा, १६-१२ पर यति,पदांत-२२ विरह वेदना की पीड़ा सब,नैनों में भर आती।कहाँ छिपेगी हृदय वेदना,रो-रोकर कह जाती॥ कौन समझता व्यथा किसी की,दूजे के अंतर…

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है एक सहेली कुटिया में

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ सब अपनी-अपनी राह गये,मैं हुई अकेली कुटिया में। बेटे सरकारी नौकर हैं,बेटी हो गई सासरे कीसब पास-पड़ोसी ऐंठे हैं,क्या आशा करूं आसरे की।कुटिया ने ही देखी मेरी,जो पीड़ा…

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हिंद देश की हिंदी भाषा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिंद देश की हिंदी भाषा,जन-जन का आधार है।मुखरित होता है जब हिय से,दे सुंदर सत्कार है॥ शोभित होती मुख से जिनके,हिंदी भाषा शान से,मान-प्रतिष्ठा मिले सदा…

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जय हिन्दी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष... शिशु क्या जाने,उसका तुझसे,कैसा नाता है।पर मुख पर पहला अक्षर,क्यों तेरा आता है॥ जन्म लिया धरती पर रोया,माँ-अम्मा कह करतू ही बतला,क्यों आया यह,अनजाना…

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मातृभाषा हिन्दी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस विशेष.... लेखक कवि की लेखनी का हिंदी ही तो गान है।हिंदी हमारी चेतना,हिंदी हमारी शान है॥ सरगम के सुर में सज रहे,और से रहे…

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जीवन में वरदान प्रेम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन में वरदान प्रेम है,है उजली इक आशा।अंतर्मन में नेह समाया,नहीं देह की भाषा॥ लिये समर्पण,त्याग औ’ निष्ठा,भाव सुहाने प्रमुदित हैं।प्रेम को जिसने पूजा,समझा,वह तो…

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