प्यार के रंग

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जीवन सुंदर सुखमय होता।अंनर्तमन से स्वप्न पिरोता॥जिसका मन निर्मल पावन हो।रंग प्यार का मन भावन हो॥ मात पिता का प्रेम सुनहरा।स्नेह भाव का रहता पहरा॥माथ पिता…

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कहते अमृत आजादी को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** ७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष…. पचहत्तर वर्षों से वादी।में है भारत की आजादी॥अमृत का मंथन कर लाये।प्राण लुटा कर…

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मातृ शक्ति हिंदी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** हिंदी दिवस विशेष.... बोलेंगे हम मिलकर हिंदी।माथे इसके लगती बिंदी॥हिन्द देश के हम हैं वासी।बनों नहीं अंग्रेजी दासी॥ अंग्रेजी को मार भगाओ।हिंदी सीखो और…

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बरसे पानी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** रिमझिम-रिमझिम बरसे पानी।चहक उठी है चिड़िया रानी॥हरियाली पेड़ों पर छायी।डाल-डाल पर वह लहरायी॥ गलियाँ सारी सूनी रहती।रिमझिम पानी उसमें बहती॥मिट्टी की खुशबू है आती।सबके…

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मन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मन है चंचल अरु आवारा।मन ही होता सबसे न्यारा॥मन पर रखो सदैव नियंत्रण।जीवन में कर लो सब यह प्रण॥ मन होता है इन्द्रिय स्वामी।कहलाता है अन्तर्यामी॥तीव्र…

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पति-पत्नी का रिश्ता

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रिश्ता पति-पत्नी का जाना। जन्म-जन्म का साथ निभाना।है अटूट यह मन का बंधन। साथ निभायें अपना जीवन॥ सदा रहें सुख-दुख में साथी।बन कर दोनों दीया-बाती॥नियम समाज…

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बच्चों की टोली

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ बच्चों की निकली है टोली।सबकी लगती मीठी बोली॥खेल खेलते बच्चे सारे।सुंदर-सुंदर प्यारे प्यारे॥ मैदानों में दौड़ लगाते।आगे-पीछे सभी भगाते॥मस्ती करते मिलकर बच्चे।सदा बोलते हैं…

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बिना प्रेम जग सूना

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. बिना प्रेम के ये जग सूना।मिले प्रेम से ही सुख दूना॥प्रेमामृत रस पान जो करे।जीवन के सारे कष्ट हरे॥ प्रेम तपस्या…

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जीवन तो बस पेड़ जहाँ है

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष..... आक्सीजन की मारा मारी। जीवन पर पड़ता है भारी।मानुष का नित रोना-धोना। दुश्मन बनता ये कोरोना॥ लोभ मोह निज हृदय बसाता। वृक्ष काटकर…

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आक्सीजन कहाँ है!

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* आक्सीजन अब ढूँढ रहे हो।मत काटो क्या पेड़ कहे हो॥ वर्तमान में मानुष रोता।लोभ मोह में सब-कुछ खोता॥ कलयुग का यह है संदेशा।कभी लगाया नहि अंदेशा॥…

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