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पति-पत्नी का रिश्ता

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

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रिश्ता पति-पत्नी का जाना। जन्म-जन्म का साथ निभाना।
है अटूट यह मन का बंधन। साथ निभायें अपना जीवन॥

सदा रहें सुख-दुख में साथी।
बन कर दोनों दीया-बाती॥
नियम समाज धर्म का रिश्ता।
नवजीवन मिलन देख हँसता॥

यह होता किस्मत का लेखा।
जन्म नये रिश्तों का देखा॥
दोनों मिल कर्तव्य निभाते।
बच्चों को खुद सफल बनाते॥

दोहा-

सिया राम दोनों रहें,सदा निभायें साथ।
न्यौछावर तन मन करें,थामे रख कर हाथ॥

अपनी सभी समस्या जानें।
आपस में हैं लगे मनाने॥
घर के लिए सभी सुख छोड़ें।
प्रेम सूत्र से सबको जोड़ें॥

मेहनती बन रुपय कमाये।
वह पत्नी घर सुघड़ चलाये॥
जिम्मेदारी साथ निभायें।
प्यार भरा घर नया बसायें॥

सँग जीवन-यापन वे करते।
योग सृष्टि में अपना भरते॥
पूरा मानव जीवन होता।
यह ही रिश्ता पावन होता॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

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