मन मचल रहा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** नयी सी हवा है, नया आसमां,ठंडी हवा का दौर चल रहा हैमन तुमसे मिलने,को मचल रहा है। नयी-सी हवा है,नया आसमांतुम आ जाओगे,तो बदलेगा समां। मौसम सुहाना है,हमने ये माना हैसब कुछ छोड़कर,तुम्हें चले आना है। आसमां में बादल छाए हैं,हम तुमपे नजरें बिछाए हैंअपना लो मुझको इसके पहले,कि … Read more

सफ़र-ए-ज़िंदगी पर…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सोचता हूँ मैं ए ज़िंदगी,तू कितना साथ देगीइसलिए हर रोज निकलता हूँ मैं,‘सफ़र-ए-ज़िंदगी’ पर…। कभी दर्द कभी खुशी का वो कारवां,कुछ खट्टा-कुछ मीठा-सा अनुभवइससे आगे बढ़ता हूँ मैं,‘सफ़र-ए-ज़िंदगी’ पर…। मुश्किलों से डरना मेरा काम नहीं,मैं हारा जरुर हूँ पर जीत की आशा नहीं छोड़ी मैंनेदेखना है मुझे मालिक मंजिल अब … Read more

कदम बढ़ाया है

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ नारी जागरण की बेला में, हमने कदम बढ़ाया है,गॉंव-गॉंव, गली-गली की नारियों को जगाने की शपथ उठाई हैमन व्याकुलता से भरा हुआ, मन अब भी दुखदाई हैनि:स्वार्थ भाव से सबको राह दिखाएंगे,अब हम तो बस यही राह अपनाएंगेअपना दुःख छिपाकर हमने, सबकी राहें जगाने की ठानी है,नारी शक्ति तेरे अंदर, हमें बस … Read more

चाँद मेरे हो

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** चाँद मेरे हो तुमचाँदनी मैं तेरी,राग तुम हो मेरेरागिनी मैं तेरी। तुम हो दीपक अगरमैं तो बाती बनी,तुम हो गुनगुन भँवरमाला सुरभित बनी। तुम जो आकाश होमैं हूँ शीतल धरा,तुम अगर जाम होमैं हूँ प्याला भरा। हूँ तेरे साथ मैं,साथ तुम हो मेरे।स्वप्न होते मेरेअब पूरे अधूरे। गीत मैं हूँ तेरी,मीत मैं … Read more

उत्सव… उमंग

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* जीने की उमंग जगाते हैं,व्यस्तता से खुशी चुराते हैंउत्सव जब गृह में आते हैं,सुंदर वर्तमान बनाते हैं। वह उत्सव ही तो होते हैं,अपनों की पहचान कराते हैंपरिवार का महत्व बताते हैं,ज़िंदगी को संपूर्ण बनाते हैं। यात्राएं कराते हैं, मस्ती में रमाते हैं,सुस्त-सी ज़िंदगी, ज़िंदादिल बनाते हैंभूले पकवानों का स्वाद दिलाते हैं,संस्कार, … Read more

स्त्रियाँ और चट्टानें

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ स्त्रियाँ…टूटती नहीं हैं, तोड़ दी जाती हैं,गुजरते वक़्त की मार से जैसे-मार्ग में पड़ी कोई चट्टान,लगातार सहते आघातों सेरेत हो जाती है, वैसे ही…बहुत धीरे से, मौन के बीच, विश्वास तले,मिट्टी के घड़े-सी चूर हो जाती हैं। स्त्रियाँ…काँच की तरह, बिखरती नहीं है,बस… खुद को समेटना छोड़ देती हैंजैसे कोई … Read more

साधन भक्ति को बना

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** दिन में नभ में सारे तारे नहीं दिखते,ऐसा नहीं है कि तारे नहीं होतेअज्ञान की दशा में ईश्वर नहीं दिखते,ऐसा नहीं है कि ईश्वर नहीं होते। दुर्लभ मनुज-देह प्रभु-मिलन जतन नहीं,जन्म तेरा व्यर्थ अरे! बहुत बड़ा सच है ये।तेरी भावना जैसी प्रभु से वो पाता है,प्रभु भये कल्पतरु बहुत … Read more

नये साल में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सभी अधूरे सपने मेरे, पूरे होंगे नये साल में,अरमानों में रंग भरेंगे, नहीं फंसेंगे मकड़ जाल में। अब तक जो भी रहे अधूरे, सपने वे मुस्काएंगे,हमको देकर के खुशियाँ वे, मंज़िल आज सजाएंगे। नहीं निराशा संग रहेगी, मातम को दफनाएंगे,कर्म करेंगे नये साल में, मंगल गीत सुनायेंगे। जाने वाले का वंदन … Read more

श्री राम नाम की ज्योति जले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* श्रीराम नाम की ज्योति जले, मन-मंदिर उजियारा हो,करुणा की गंगा बह निकले, हर द्वारे प्रेम धारा हो। रघुनंदन की मधुर छवि में, बस जाए जीवन-राग,सत्य, शील, मर्यादा से, मिट जाए मन का दाग। वन-पथ भी पावन बन जाए, जब चरण पड़े सुकुमार,त्याग तपस्या की मूरत हो, राम हमारे आधार। … Read more

जज़्बातों की राख से…

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** मन की खामोशी में इक तूफ़ान पलता है,शब्दों की झिलमिल में भावों का जंगल जलता हैविवेक का दीपक बुझता है जब,अंतर का अंधकार स्वयं को निगलता है। स्मृतियों की परतों में एक चेहरा अनलिखा,मौन की चादर में लिपटा, समय से भी पुरानावो क्षण-जिसने हृदय की नसों में राग भरा,अब केवल प्रतिध्वनि है-सूनी, … Read more