जब साथ मिले अपनों का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जब साथ मिले अपनों का, पथ काँटों का भी फूल बने,हाथों में जब हाथ हो अपने, सपनों के दीप हजार तले। सुर गूँजे मन के भीतर, आँसू भी फिर मुस्कान बनें,हौसलों की नाव चले जब, तूफ़ान भी आसान बनें। जब साथ मिले अपनों का, धड़कन में सौ संगीत उतरें,साया … Read more

ख़्वाब करे रोशन

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ख़्वाब आतेबहार बनकर प्यारे,ख़्वाब करे रोशनकभी पास,कभी दूर राह सारेमानोंतब्बसुम की खिदमत,करें नभ के सितारे। कभी ख़्वाब,पलकों पे नमी हमारेनींद की दुनिया,लाए ख़्वाबसौगात प्यारे। ख़्वाब दिखाते हैंनये इरादे,जो बन जाएखुली आँखों मेंज़िंदगी की राह हमारे। मस्तिष्क के तंतुओं मेंझंकार सी हैं,मन का पंछीउड़ता है पंख पसारे। ख़्वाब कभी सचकभी झूठ … Read more

अध्यात्म की वाहक श्रीमद्भगवद्गीता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* है दुनिया में जो व्यापक ज्ञान और अध्यात्म की वाहक,सदा जो पथ दिखाती है, बनाती नर को जो लायक।उसे कहते हैं सारे दिव्यता का इक महासागर-कहाती है जो गीता, कृष्ण थे जिसके अमर गायक॥ मुझे गीता ने सिखलाया, जिऊँ मैं कैसे यह जीवन,सुवासित कैसे कर पाऊँ, मैं अपनी देह और यह … Read more

भारत की माटी है चंदन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भारत की माटी है चंदन, माथे पर तिलक लगाएंगे,दुर्लभ मानव गात्र राष्ट्र हित, बलिवेदी पर चढ़ जाएंगेस्वाभिमान भारत माटी का,कण कण हरियाली लाएंगे,मातृभूमि मंदिर विनत मन, प्रेम भक्ति शक्ति रम जाएंगे। नव विहान उत्थान प्रगति पथ, निर्माण स्वर्ग रच जाएंगे,युवा शक्ति अनुरक्ति राष्ट्र हित, सम सत्प्रेरक बन जाएँगेरामराज्य स्वप्निल … Read more

गीता गुण खान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** गीता के गुण क्या कहूँ, गीता है गुण-खान,जीवन जीने की कला,छिपा ज्ञान-विज्ञान। छिपा ज्ञान-विज्ञान, सदा पढ़िए मन लाई,सत-रज-तम गुण ज्ञान ,सदा ही है सुखदायी। कह सरोज सुन सखा, कर्म कर लो मन लाई।फल पर वश न अपना, गुण गीता के गाई॥

कब कर दें धराशाई

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मुसाफिर अपनी गठरी बांध,चल रहा तू अपनी हर चालसमय का खेल होता है अलबेला,ऊँची उड़ान को कब कर दें धराशाई। तू सोचता है तेरे से ज्यादा समझदार और कोई नहीं,पर भूल जाता है तुझे बनाने वाले को सब पता हैक्यों ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती,ऊँची उड़ान को … Read more

तपोवन के पेड़

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* ब्रम्हगिरी के शिव से कलकल बह निकली, पावन गोदावरी गंगा है,गोदा के तट पर वनचरी विराजीत शोभित, जैसे माँ भारती का तिरंगा हैदण्डकारन्य का सबसे पवित्रतम भाग तपोवन, जो रामरंग से रंगा है,सुना है कुम्भ के चलते वृक्षों क़ो लेकर, मच रहा बहुत ही दंगा है। अरे! तुम क्या जानो एक … Read more

लड़कियाँ व सोशल मीडिया

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** लड़कियाँ सोशल मीडिया पर हैं,वो नए युग की एक दस्तक हैं। लड़कियाँ स्क्रीन की कैद में नहीं हैं,वे डिजिटल आसमान की उड़ान हैं। फ़िल्टर की रोशनी में उजाला करती हैं,तो कभी आँखों का दर्द छलकाती है। कभी बनतीं किसी की प्रेरणा है,तो कभी बहस की वो चिंगारी हैं। लाइक्स और व्यूज़ उनको … Read more

कन्या भ्रूण का करुण क्रंदन

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ हे जननी, तू क्यों कातर हो,सिसक रही तड़प रहीमाँ मेरी तूने तो मेरी रक्षा का,प्राण-पण से प्रयास किया…हे माँ, मेरा-तेरा संग तो,विधाता ने इतने दिन काही नियत किया थामैं तो अत्यंत ऋणी हूँ माँ,मुझे तेरी ममता की छाँव मिलीनहीं जन्म लिया तो क्या…मैंने तेरे दुलार-प्यार को जी लिया है। कैसी खुश थी … Read more

सब नहीं होते एक समान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** आया मौसम लगन कानित-नित होता ब्याह,कहीं सगाई, कहीं है हल्दीऔर कहीं करना है भोज। देख वहाँ की रौनक मन मेंमेरे उठते बहुत विचार,इतना पैसा फूँक रहे क्यों ?कम में क्यों नहीं करते काज। जिनके पास है दौलत अंधीउनकी नहीं मैं करती बात,पर जो अंधी दौड़ में दौड़ेंसबक उन्हें मैं देती आज। चाहत … Read more