पत्ता टूट गया…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ पत्ता टूट गयाअपनी शाख से,अब क्या वह लहराएगाक्या फिर अपनी टहनियों परपहुंच पाएगा।पत्ता टूट गया… यही रंग जीवन का है,साँसें कब निकल जाएँजो फिर वापस…

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छत पर सैर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* शाम को छत पर,सैर करने के बहानेकभी तो मुलाकात होगी,कुछ न कुछ गुफ्तगू होगी। यही सोच कर रोज़,टहल लिया करते हैंखुले गगन में चंद्रमा और, जगमग…

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कोई अपना सा लगे

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कोई अपना-सा लगे, कोई दिली करीब।मन उदास खुशियाँ मिले, लगता बड़ा अजीब॥ दे सुकून अपनत्व रख, मिटे शोक संताप।प्रेम लेप शीतल करे, हम दिल…

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हँसी ना छोड़ो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व हास्य दिवस' (५ मई) विशेष... हँसो हँसाओ,यही रंग जिंदगीमुस्कान बाँटो। खुशी अद्भुत,इससे मिले शांतिहै उपहार। हँसना सुख,दवा भी, है दुआ भीयही है धूप। बनते रिश्ते,हँसी से…

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शिव जीवन आधार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... महादेव श्री शम्भु शिव, है जीवन आधार।चरणों में इनके टिका, ये सारा संसार॥ अपने जो आराध्य का, करते हैं नित ध्यान।देवों के…

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आर्यावर्त की हिंदी हूँ

ज्योति नरेन्द्र शास्त्रीअलवर (राजस्थान)************************************************* मैं आर्यावर्त की हिंदी हूँ,हिंदुस्तान का गुणगान हूँ मैंकभी सूर में, कभी रहीम में,तुलसी के मानस का गान हूँ मैं। प्रेमचंद का उपन्यास हूँ मैं,छंद, सुरों…

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कितनी मेहनत करता है…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... पसीने से तर-बतर,वो कितनी मेहनत करता हैखून-पसीने की कमाई से,अपना घर चलाता है। कितने भी हों कठिन रास्ते,वो बिल्कुल नहीं घबराता हैअपने…

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कश्ती से मैंने कहा-चलते रहो

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** कश्ती से मैंने कहा-"बस अगले मोड़ पर सुकून होगा, बस चलते रहो…सरिता के साथी, तैरने का सफर, साहस और उत्साह का बसेरा। लहरों की गहराइयों में,…

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तुम मानो या न मानो…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** आता ये बेखटके सामने बिना बुलाए,कैसे गम छिपाए इन्हें कहाँ दिल ले जाए…। सोचा था कम से कम कायदा तो समझोगे,छोड़ो भी तुम अब क्या वायदे को…

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खुशियों से दूरी है

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जीवन संघर्ष..... मैं मजदूर हूँ, मजबूर हूँ, खुशियों से दूरी हैतकदीर लिखी है रब ने कैसी!हर पल ही मजबूरी है। भार धरा पर खूब उठाता,पर पीड़ा कोई…

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