रत्न संस्कृति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* विश्व विशालविभिन्नता से भरीरही संस्कृति। भारतवर्षअमूल्य धरोहररत्न संस्कृति। योग नियमसंयमित जीवनदीर्घ संस्कृति। कर जोड़तेबने नमस्ते मुद्राऐसी संस्कृति। आदरणीयसदा बडे़-बुजुर्गश्रद्धा संस्कृति। अनुज स्नेहसिंचित हो आचारसीख संस्कृति। तप उत्तमत्यागे जी कुविचारशिक्षा संस्कृति। दीन बंधुत्वआशा जगे संसारदया संस्कृति। हो सदाचारअतिथि का सत्कारभाव संस्कृति। रक्षाबंधनबहन-भाई का प्याररीति संस्कृति। समर्पण होदेव आस्था बढ़ाओसीख संस्कृति। सत्य … Read more

गुरुजन चारों धाम

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* शिक्षक दिवस (५ सितम्बर) विशेष… गुरु कराते हैं हमें,ईश्वर की पहिचानगुरु से ही मिलता हमें,हर विधा का ज्ञान।गुरुजन चारों धाम… प्रकाशित करते जीवन की राहें,देते संस्कारों का ज्ञानगुरु होते हैं सदा ही पूजित,गुरु सम नहीं कोई और महान।गुरुजन चारों धाम… वेदों की वाणी गुरु से,इन्हें नमन झुकाकर शीशआदर करो सदा इनका,लो इनसे … Read more

किस पर करें भरोसा…?

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ आज भरोसा टूट रहा है,जमाने के इस बदलते रवैये सेघुट-घुट कर जी रहा है इंसान,किस पर करें भरोसा हम…? मान नहीं, मर्यादा भी लुप्त हो रही है,झुठ फरेब चोरी माया पर बड़ा अभिमान हैलेकिन सोच नहीं बदल रहा इंसान,किस पर करें भरोसा हम…? तू इतना मत कर घमंड,हवा में उड़ने … Read more

गणपति अभिनंदन

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* पार्वती-शिव के नंदन,करते तेरा अभिनंदन। तुम हो विनायक,गणपति गजबदन। करते अर्पित तुमको,फूल, दूब और चंदन। प्रथम पूज्य तुम हो प्रथमेश,विघ्न विनाशक हे गणेश। करो कृपा हे कृपा निधान,हरो जीवन के तम-क्लेश। सिद्धि विनायक हे गजानन,बुद्धि के तुम हो दाता। मूषक वाहन रहे साथ में,मोदक तुमको अति भाता। करें भक्ति जो सच्चे मन … Read more

नव उमंग उल्लास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नव उमंग उल्लास मन, भरे काव्य युव चित्त।भाव समादर श्रेष्ठ में, नीति प्रीति आवृत्त॥ शिक्षा हो सब जन सुलभ, भूख प्यास से त्राण।रोजगार सबको मिले, न्याय नीति कल्याण॥ कुसुमित हो उन्नति कुसुम, महके सुखद उमंग।समरसता सागर उठे, लहरों प्रीति तरंग॥ बेकारी सबकी मिटे, मँहगाई बदरंग।धनी दीन निर्भेदता, जनमत प्रीति … Read more

आजमा कर छोड़ दिया

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** कौन अपना है,कौन पराया हैये तब पता लगा,जब मैंने आजमाया है। आजमाने से हकीकत,पता चलती हैअगले की हमारे प्रति,सोच पता चलती है। सामने से तो सब लोग,मीठी बातें बोलते हैंपर मौका मिलने पर,पीठ में छुरा भौकते हैं। तस्वीर में तो सभी,नज़र आते हैंतकलीफ में सारे लोग,गायब हो जाते हैं … Read more

कितने चौराहों पर

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ कितने चौराहों पर,दिख जाती हैंबेबस, विक्षिप्त स्त्रियाँ…गंदे, फटे लिबास में लिपटी,रहबरों की मुस्कान से चिढ़तीरोती, गाती, चिल्लाती,भूखी-प्यासी, बड़बड़ातीहाथों में दंड और गठरी में सिमटी,गिरती, रुकती, लड़ती, हँसतीयातनाओं से जूझती, मिटती,मनोरंज का साक्ष्य बनींमन को व्याकुल कर जाती हैं,बेबस, विक्षिप्त स्त्रियाँ। कितने चौराहों पर,लुट जाती हैंबेबस विक्षिप्त स्त्रियाँ…अट्टहास करता मानव उन … Read more

राधा लेती रही टोह

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* श्रीकृष्ण की बाँसुरी पर बेसुध राधालेती रही टोह,जाने कहाँ से आ रही है ये आत्मा को घुलाती ध्वनियों का अवरोहराधा वृन्दावन विहारिणी वृषभानु दुलारिनी,खोती जा रही आत्ममुग्ध धुन मेंबांसुरी के सुरों नें जैसे घोल दी हो प्रेमसुधाराधा के तन-मन में, अंत:करण में, प्राण में,राधा बस दीवानी हो चली मुरलीधर कीअब कृष्ण … Read more

गजानन कर परोपकार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** गजानन,गौरी-ललनमोदक प्रिय चयन,मूषक वाहनमनभावन। विनायक,आप गणनायकबल-बुद्धि दायक,बने सहायकशुभदायक। लम्बोदर,कर परोपकारतुम विवेक सरोवर,वदन मनोहरविघ्नेश्वर। दाता,दु:ख हर्तारिद्धि-सिद्धि कर्ता।सुख-कर्ता,भर्ता॥

गुड्डे-गुड़ियों का संसार

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ बचपन का वह रंग,लगे खेल-तमाशा जग साराना तेरा ना मेरा,खुशियों का यह फेरागुड्डे-गुड़ियों का यह संसार। कभी रोना, कभी हँसना,कभी रुठना, कभी माननायहाँ जग सारा है खिलौना,गुड्डे-गुड़ियों का यह संसार। कभी नाचना, कभी उछलना-कूदनाआगे चलना पीछे जानायहाँ मानव भी एक खिलौना,गुड्डे-गुड़ियों का यह संसार। सज-धज कर गुड्डे-राजा,सज-धज कर गुड़िया रानी।चलते … Read more