मिटे तिमिर मन से
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सावन मनभावन सरस, विश्वनाथ शिवधाम।मिटे तिमिर मन सत्य से, शिवप्रकाश अविराम॥ अन्तर्मन की हर व्यथा, करें भाव उद्रेक।सत्य कठिन प्रकटीकरण, रखो सोच हिय नेक॥ सत्य कथन अरु श्रवण भी, सहन कठिन संसार।पीड़ हृदय नयनाश्रु से, स्वयं प्रकाशित सार॥ मन ही मन पीड़ा सहन, अन्तर्दहन विशाल।श्रेष्ठ क्लेश बहि उत्सृजन, अन्तर्नाद … Read more