चलो समय के साथ चलें

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* चलो समय के साथ चलें,चल सको तो दिन-रात चलेंसभी को लेकर साथ चलें,चलो समय के साथ चलें। समय सदा एक-सा ना रहता,परिवर्तनशील संसार है यह कहताइस परिवर्तन को अपनाए चलेंअब चलो समय के साथ चलें। परिवर्तन को जो ना अपना पाया,वह तो समय में पीछे छूटता गयापूर्व को देख वह … Read more

हिन्दी है अस्मिता

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘हिन्दी’,मातृभाषा प्यारीभारत की पहचान,देश-विदेशसमरसता। ‘हिन्दी’,जन भावनालोकतंत्र का संदेश,भाषा हिन्दुस्तानआजादी। ‘हिन्दी’,सबको जोड़तीसबका हित करती,राष्ट्र भक्तिअस्मिता। ‘हिन्दी’,वैज्ञानिक भाषासहज व्याकरण परिमार्य,राजभाषा मधुरस्वीकार्य। ‘हिन्दी’,बोली विविधसंस्कृतियों का मेल,भारत एकतागुण। ‘हिन्दी’,अति विशालअनुपमेय साहित्य खदान,गद्य-पद्यखजाना। ‘हिन्दी’,संस्कृत सुताअनूठे तत्सम शब्द,देवनागरी अक्षरउपहार। ‘हिन्दी’,सबका दिलसाठ करोड़ पार,बने राष्ट्रभाषाजनमानस। ‘हिन्दी’,राजकाज भाषाशौर्य वीर स्वर,जन-मनस्वाभिमान। ‘हिन्दी’,तुलसी, सूरदासवाणी सगुण मिठास‌,मीरा बाईहृदय। ‘हिन्दी’,अलंकार नवरसरीति, प्रीति सद्नीति,नृत्य … Read more

एक मन कहाँ-कहाँ लगाएगा

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** एक मन तू कहाँ-कहाँ लगाएगा,भटकेगा भव में या प्रभु को पाएगा। भजन, भोज, प्रेम प्रभु से कर अकेले में,तभी इनकी रक्षा कर पाएगा।प्रभु का कोई एक रूप अपना बना ले,तुलसी-सा प्रेम कर पाएगा।एक मन तू कहाँ-कहाँ…॥ संसार नेत्रों से प्रभु दिख न पाएंगे,हृदय नेत्र उन्हें देख पाएगा।नित प्रेम से … Read more

हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातृभाषा हिन्दी बहुल, विलसित देश-विदेश।लोकतंत्र जन भावना, समरसता संदेश॥ हिन्दी हिन्दुस्तान की, आजादी पहचान।सब जन सब हित जोड़ती, राष्ट्र भक्ति जय गान॥ वैज्ञानिक भाषा सहज, व्याकरणिक परिमार्य।राष्ट्र राजभाषा मधुर, बोधगम्य स्वीकार्य॥ हिन्दी में बोली विविध, संस्कृतियों का मेल।भारत संघी एकता, नवरस गुण गठमेल॥ अति विशाल हिन्दी परिधि, अनुपमेय साहित्य।गद्य-पद्य … Read more

श्रध्दा का मान हो

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. वह हमारे पितृ, हमारे लिए सब कुछ हैं,उनकी आशाओं पर हम सटीक बैठेंयही अभिलाषा है हम सभी की,श्राद्ध दिन में श्रध्दा का मान हो…। उनका दुनिया से चले जाना,पर दुनिया में उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना हमारा फ़र्ज़ है हमारा धर्म है,श्राद्ध … Read more

‘भारत रत्न’ डॉ.मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** ‘अभियंता दिवस’ विशेष… भारतीय मूल के प्रथम अभियंता डॉ. विश्वेश्वरैया की झाँकी भर लें,याद उन्हें भी कर लें, उनकी भी बातों पर अपने अंदर आहें भर लें। मैसूर के विलक्षण प्रतिभाशाली मोक्षगुंडम थे अनमोल,अंग्रेजों ने ही समझ लिया ऐसे अभियंता का मोल। पढ़ाई ऊँची-शिक्षा ग्रहण करने की बने उनके उसूल,चिकबल्लापुर … Read more

अपनी बोली हिन्दी

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** ‘हिंदी दिवस’ विशेष… हिंदू हैं हम हिन्दुस्तान की संतानें हैं,आओ बढ़ाएं कदम हम भारतीय हैंहिंदी का सम्मान सभी यहाँ करते हैंभारत की पहचान बनी भाषा हिंदी है। अलग-अलग है वेषभूषा हिंदी हमारी है,अनेकता में एकता से हिंदी तो हमारी हैजग में अपना परचम हिंदी ने फहराया,अपनी बोली हिंदी दिल में … Read more

मेरे देश की शान है हिंदी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ‘हिन्दी दिवस’ विशेष… हिमालय की ऊँचाई में हिंदी,हिंद महासागर-सी गहराई है हिंदी। शिशुओं के मुख में शोभित हिंदी,प्यारी सखियों की बातों में हिंदी। कवियों की रचनाओं में सुघड़ रूप में हिंदी,सात सुरों में, गीत और संगीत में छाई है हिंदी। बोलचाल की भाषा हिंदी,मेरे राष्ट्र की भाषा हिंदी। लघु कथाओं में … Read more

प्यारी भाषा हिन्दी

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ ‘हिन्दी दिवस’ विशेष…. हर शब्द जिसके मोती,मान-सम्मान लिए देश की बिंदीराष्ट्र को जोड़ती हैहम सबकी प्यारी भाषा हिन्दी…। वह सरल, सीधी व सौम्यता भाव रखे,सभी को अपना बनातीभाषा शुद्ध, भाषा सरल, सबसे प्यारी भाषा,हम सबकी प्यारी भाषा हिन्दी…। काव्य, छंद, दोहे हिन्दी गौरव,भारत की है राष्ट्रीय भाषाहिन्दी भारत का स्वाभिमान,हम … Read more

नमन पितृ देव

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** श्राद्ध ‌, श्रद्धा और हम…. नमन हे! पितृदेव तुम्हें सदा,तुम पधार यहाँ शुभता सदाइसलिए करके, सुश्रुषा सदा,निज जनों पर नेह हस्त सदा। पितर रौनक लेकर हैं सजे,शुभ पावन आज, धरा सजेअलविदा कह शांत हुए कभी,कुल उन्नति सदाहि, रहे यहीं। स्वजन आदर भाव, दिखा रहे,विभिन्न भोजन थाल सजा रहेसुखद जीवन, मंद … Read more