हृदय के उद्गार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** भावना मन की समेटेहृदय के उद्गार लिखती,साध मन की सब बटोरेआज मैं श्रृंगार लिखती।आज मैं… काँच से टूटे पड़े येस्वप्न सारे बिन तुम्हारे,तृषित जीवन में घिरे घनविरह की बरसात लिखती।आज मैं… पुष्पप्रिय मन व्यथित तनरजनी दिवस परिणय मिलन,नव अरुण-सा साथ अपनाक्षणिक था सब स्वप्न लिखती।आज मैं… नूपुरों का मूक छूनाबिन तुम्हारे विश्व … Read more

गम सुनाया मत करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ ‌२१२… दर्द-ओ-गम अपने जमाने को सुनाया मत करो।सुख मिले जो ज़िन्दगी को वो छुपाया मत करो। बाॅंट लो दु:ख-दर्द सबके सुख भरी दुनिया रहे,अहमियत देकर सभी गम को बढ़ाया मत करो। दौर बदलें वक्त से हर साॅंस-धड़कन की तरह,वक्त चलता है बुरा ये, तो बताया मत करो। … Read more

रिश्ता दोस्ती का

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* मित्रता-ज़िंदगी… सबसे निश्छल सबसे न्यारा,दोस्ती का रिश्ता प्यारा। रिमझिम फुहार-सा,बागों में बयार-सा। तपती धूप में छाँव-सा,ठंड में गुनगुनी धूप-सा। जीवन के मधुर गीत-सा,साज में संगीत-सा। सुबह की नई आस-सा,नींद में मीठे ख़्वाब-सा। अंधेरी रात में जलते दीप-सा,बारिश की पहली फुहार-सा। भाव भरी कविताओं-सा,दिल के सुकून-सा॥

अंधकार मन से मिट जाए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भज भोले शंकर शुभ मंगल, अंधकार मन से मिट जाएहो अनुपम दुर्लभ दर्शन शिव पार्वती जीवन तर जाए। बिल्वपत्र गंगाजल अर्पण गंगाधर पद तिलक लगाए,बाघम्बर त्रिपुरारी शम्भू आशुतोष शिव रूप दिखाए। सावन मास सुखद पावन शिव, कैलाशी हर्षित मन भाएमहाकाल विकराल त्रिलोचन भाल काल भैरव बन जाए। लोकनाथ गौरीशंकर … Read more

सृजन फिर से कर सकूं…

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ सृजन फिर से कर सकूं,दो ऐसी शक्ति, हे देव। शून्य पड़े थे,जो भाव हृदय में,बिखरा दो पूरे, तन और मन मेंवैराग्य-सा तप रहा है जीवन,प्रेम-रस से सिंचित कर दोजैसे शिव में लीन, हो गई शिवा,ऐसा गौरवान्वित क्षण देदो। सृजन फिर से कर सकूं,दो ऐसी शक्ति, हे देव…॥ कण-कण को शब्दों … Read more

मेरे महाकाल

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** जिनकी याद में मन रमे दिन-रात वे मेरे महाकाल,मेरी चर्चा में, मेरी परिचर्चा में रहे वे मेरे महाकाल। डमरू की डिम-डिम में, क्षिप्रा की कल-कल में,कड़वे सत्य, मीठे भरम को रचते मेरे महाकाल। सृष्टि के हर कण, हर कली, हर कुसुम में बसते,संकट का सहारा, दर्द की दवा है … Read more

कृष्ण-सुदामा बनो

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** मित्रता-जिंदगी… एक मित्र था अति निर्धन, और एक मित्र था बहुत धनी,धन अवरोध न बन पाया, दोनों की मैत्री बड़ी घनी। सांदीपनि से शिक्षा पाकर दोनों निज गृह लौट गए,एक रहा हरदम गरीब, दूजे ने झंडे गाड़ दिए। कंस का वध करके मात-पिता कारा से छुड़वाया,नाना को उनका सिंहासन, श्री कृष्ण ने … Read more

जिसने समझी ‘मित्रता’

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** मित्रता-ज़िंदगी… ‘मित्रता’ का मतलबजिसने समझा सही,उसे ज़िंदगी सेकोई शिकवा नहीं,मित्रता से बढ़करदुनिया में कोई नहीं,वो क्या जानेंगे मित्रता का मतलब!जिसने मित्रता की ही नहीं। आँखों ने कीपलकों से मित्रता,शब्दों ने की होंठों से।साँसों ने कीजब हवाओं से मित्रता,ज़िंदगी जीने का मजा आने लगा॥

‘मित्रता’ जीवन आनंद

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** मित्रता-ज़िंदगी… ‘मित्रता’,है ज़िंदगीजिसने निभाया रिश्ता,वो अपनाकृष्ण। ‘मित्रता’,किस्सा अनमोलसंस्कार-सम्मान-समृद्धि,बिना ज़िंदगीखालीपन। ‘मित्रता’,शिकवा-शिकायतअनूठा सम्बन्ध दुनिया,अतुलनीय यारीअपनापन। ‘मित्रता’,मतलब धड़कनस्वार्थ से परे,जीवन भरआनंद। ‘मित्रता’,सबसे ऊँचीदोस्ती करना आसान,निभाना मुश्किलमदद। ‘मित्रता’,घनिष्ठ-अभिन्नएक-दूजे खातिर,बरसे प्रेमसाँस। ‘मित्रता’,बादल-पानीधरा-हवा-पेड़,कृष्ण-सुदामानिश्छल। ‘मित्रता’,सुख नहींसमझे अपनी पीड़ा,रहे साथविपत्ति। ‘मित्रता’हो निष्कपटभाव हो देना,ईश्वर देखताख़ुशी। ‘मित्रता’प्रेम बंधनदुर्लभ मित्र सच्चे।उम्र अलग,मनमौजी॥

सावन बीता जाए

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* घनघोर घटा चहुँ ओर छाए,नाचे मोर, पपीहा गाए…मैं अकेली रह गई सखी री,देखो सावन बीता जाए। पिया मोरे कब आएंगे ?प्रीत के गीत कब गाएंगे…अब तो विरह आग लगाए,देखो सावन बीता जाए। सावन में हिंडोला सजाए,सखियाँ पिया संग झूलन जाए…मोरे पिया काहे रूठा हाय,देखो सावन बीता जाए। सावन की हरियाली रुलाए,बिन तोरे … Read more