मूल्य को पहचानो
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** जीवन में मूल्य को पहचानो,अपने अधिकार, हक को जानोजीवन में संगत रही बुरी,तो खुशियाँ कहाँ से होगी पूरी!किसी की सहायता करना,कोई मूल्य नहीं होताऔर न ही…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** जीवन में मूल्य को पहचानो,अपने अधिकार, हक को जानोजीवन में संगत रही बुरी,तो खुशियाँ कहाँ से होगी पूरी!किसी की सहायता करना,कोई मूल्य नहीं होताऔर न ही…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** भक्ति की अनुपम मिसाल,शक्ति का महत्तम कमालपराक्रम जो गहनतम विशाल,नम्रता का विशेषतम अनुपाल। जो अंजनी का लाला,राम का परम कृपालाभक्तों का है शिवाला,प्रणाम स्वीकारो दयाला। राम का…
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** चले आओ पनाहों में, निगाहें राह तकती है।बताएं क्या तुम्हें दिलवर, तुम्हीं में जान बसती है॥सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व कला दिवस' (१५ अप्रैल) विशेष... 'कला',रंग अभिव्यक्तिमन-जीवन सार,मिलती ख़ुशीहृदय। 'कला',जगाती भावनाउड़ाती आसमान में,विविध रंगजीवन। 'कला',हाथ हुनरचमकता है चेहरा,मजबूत रिश्तेप्रेम। 'कला',अनूठा माध्यमरूप संगीत भी,मिलता सुकूनअसीम। 'कला',बँधती…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आए जितनी आपदा, सहे सकल अवमान।तनिक तारीफें क्या मिली, खिलें होंठ मुस्कान॥ निर्बलता विचलित मना, उदासीन प्रतिमान।सहज सरल संघर्ष में, तारीफ़ औषधि मान॥ हेतु…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** एक दिवस बिटिया ने पूछा-अम्मा मुझको आज बताओ,चंदा मामा क्यों कहते हैं ?मुझको यह संबंध बताओ। चंदा चाचा, चंदा ताऊ,चंदा भाई क्यों नहीं कहते ?क्यों चंदा को…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** तुम्हारी नजरों ने जबसे देखा,अजब-सी चाहत उभर रही है। छुपे हुए दबे अहसासों से,नजर हमारी उतर रही है। सवालों की है कद्र तुम्हारी,जवाबों की भी…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* जीवन के तीसरे पड़ाव में,अब तो सहर्ष सत्कर्म करोइधर-उधर बातें करने वालों,देखो अब तो कुछ शर्म करो। दूसरे की कमियाँ गिनने वालों,अपने कर्म का भी…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ऊँचे शिखर से निकली नदियाँ,कहां सागर से पहले रुकती हैं ?लाख दीवारों से रोके चाहे कोई,वे डैम फांदती हैं न कि झुकती हैं। कौन बनाता है…
प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** रे मन शिव-शंभू बोले कभी तेज कभी हौले,शिव का नाम सुन-सुन के जियरा मोरा डोले। उस भक्त पर शिव जी शीघ्र ही प्रसन्न हों,दु:खों…