माँ के लाड़ले
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* शिक्षा पाने घर से बहुत दूर रहते हैं,माँ के लाड़ले कितने प्रेशर में जीते हैं‘मम्मी-मम्मी’ कह पीछे घूमने वाले,कई बार खाली पेट दिन गुज़ार देते हैं। कपड़े, उठाना, धरना सीखते हैं,सारी व्यवस्था खुद ही देखते हैंकभी धोबी से, कभी बाई से उलझ,धीरे-धीरे गृहस्थी सजाना सीखते हैं। पढ़ाई के बाद जॉब के … Read more