हरियाली छाई
उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** हरियाली आई, हरियाली छाई,मौसम में वर्षा, ठंडाई फिर लाईचंहुओर धरती हरी-भरी कर गई,बंजर भूमि भी फिर थी मुस्काई। मिट्टी के कण-कण में वर्षा समाई,जल सोखकर, धरा नमी थी बढ़ाईघटते हुए जल स्तर में वृद्धि थी हुई,वर्षा रानी का, धरा पर करिश्मा भाई। वर्षा ऋतुराज में वृक्षारोपण करें भाई,अपने ही हाथों … Read more