मोबाइल के कीड़े क्यों
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जब मोबाइल नहीं था,ज़िन्दगी बहुत खुशनुमा थीना किसी से झूठ बोलते थे हम,फिर क्यों बन गए हम मोबाइल के कीड़े। अब बहुत दूरियाँ बढ़ गई,समय किसी के पास नहीं बचाफिर भी घंटों बिता रहे इससे,क्यों बन गए हम मोबाइल के कीड़े। संदेशे आते-जाते इसमें ‘व्हाट्सप्प’ पे दूर-दराज के,पर वह आत्मीयता … Read more