सोच रही हूँ बेहिसाब लिखूं

ऋचा गिरिदिल्ली******************************** सोच रही हूँ एक किताब लिखूं,अपने अरमानों को बेहिसाब लिखूं। एक के बाद एक पन्नों को पलट,पिरोए सपनों को नायाब लिखूं। जो पढ कर नशा-सा हो जाए,कुछ ऐसी…

Comments Off on सोच रही हूँ बेहिसाब लिखूं

मनोहारी धोलाधार पर्वत

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** है अचल हिमगिरि शोभित,धोला पट निर्मल ओढ़ेरम्य पाप शून्य परिमल लिए,नीलाभ अम्बर ओढ़े। धोलाधार उजास वैभव,पसरी ज्यों, भुजा मुकुंदगिरिराज संतति लघु सुत,शीतल तुहिन पवन भरी।…

Comments Off on मनोहारी धोलाधार पर्वत

मुखौटों में चरित्र

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ 'विश्व रंगमंच दिवस' (२७ मार्च ) विशेष... दुनिया के चित्रपट के इस दर्पण में,निकल रहा वह कलाकारअपनी अदा अपने किरदार में,मुखौटों में चरित्र हर इंसान…

Comments Off on मुखौटों में चरित्र

जीवन ‘रंगमंच’, रोज जंग

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व रंगमंच दिवस (२७ मार्च)' विशेष... आओ 'रंगमंच' की दुनिया में खो जाएं,जहां हो अभिनय की जादूगरीएक पल में हँसाएं वो, एक पल में रुलाएं,यही है…

Comments Off on जीवन ‘रंगमंच’, रोज जंग

सत्कर्म ही पूंजी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* समझो मानव तब सफल, मार्ग ध्येय सत्कर्म।पूँजी बस सत्कर्म यश, दुर्लभ जीवन मर्म॥ यायावर पथ सत्य का, समझ नहीं आसान।दुर्गम बाधित कँटीली, सत्कर्मी पथ…

Comments Off on सत्कर्म ही पूंजी

हम थोड़ा-थोड़ा परेशान हैं

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ अब हम पचपन पार हो गए हैंइसलिए चिंतित और परेशान हैंमाथे पर लकीरें बन गईं हैं,मन ही मन परेशान से रहते हैंलेकिन चेहरे पर मुखौटा,लगाकर मुस्कुरा रहे…

Comments Off on हम थोड़ा-थोड़ा परेशान हैं

अनुप्रीत गुरुदेव की

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** ढूंढता रहा मैं दत्त दिगम्बर,अक्षरब्रह्म के सागर-सागर मेंएक-एक शब्द उतना ही रोचक,जैसे अमृत भरा हो गागर मेंहर गगरी से छलका अमृत,अमृत के कण-कण में अवधूतबहुत छोटी…

Comments Off on अनुप्रीत गुरुदेव की

तेरी कारीगरी लाज़वाब

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** मंज़िल पर पहुंचे हम इस कदर,ये हसीन मंजर देखते हैंउसके जहां को कुछ,इस कदर देखते हैं। पत्थरों से प्यार करते हैं,जिगर पर 'वो' वार…

Comments Off on तेरी कारीगरी लाज़वाब

सुवासित रंग

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** सुवासित रंग प्रीति का डाल,हो गया मुख प्रभात का लालसुहागिन सजा सुंदरी भाल,बाल कवि निकला मले गुलाल। अरुण मुख सुषमा को अवलोक,अति सरस सुंदर दिवस विलोककपोलों पर…

Comments Off on सुवासित रंग

आज़ादी के मतवाले सरदार भगत सिंह

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जय सरदार भगत हुंकार जगत,आज़ादी के मतवाले शत्रुञ्जयजब सिंहनाद सुन भगत सिंह प्रवर,घबरा थर्राया शत्रु भीत पड़े। हे शौर्यपुत्र माँ भारत प्रणाम,जय भक्त राष्ट्र…

Comments Off on आज़ादी के मतवाले सरदार भगत सिंह