आदमी अब प्यार के क़ाबिल ही नहीं
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** चाहती हूँ मैं लिखूँ ख़त मगर मैं कैसे लिखूँ,ज्ञात मुझको तो तेरा ठौर-ठिकाना ही नहींदेखना चाहूँ तुझे कैसे मैं दीदार करूँ,कैसे एतबार करूँ कुछ भी तो मालूम…