आई होली, लाई खुशियाँ…
प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** रंग बरसे… (होली विशेष)... होली आई, होली आई,साथ में खुशियाँ है लाईरंगों का त्यौहार है आया,सभी के घर खुशियाँ है लाया। रंगों के इस त्यौहार में,भूल…
प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** रंग बरसे… (होली विशेष)... होली आई, होली आई,साथ में खुशियाँ है लाईरंगों का त्यौहार है आया,सभी के घर खुशियाँ है लाया। रंगों के इस त्यौहार में,भूल…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** प्रकृति है जीवन दायिनी,मत इसका तिरस्कार करोवन-उपवन खेत-खलिहानों से,धरती का श्रृंगार करो। मत तोड़ो पुष्पों को,मत तनों का नुक़सान करोहरे-भरे पेड़ काटकर,पर्वत मत सुनसान करो। रंग-बिरंगी फुलवारी…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** 'विश्व कविता दिवस' (२१ मार्च) विशेष... आओ मनाएँ दुनिया में 'विश्व कविता दिवस',प्राचीनकाल से सृजक हमारा देश दिवसश्लोक, दोहा, संस्कृत कालखण्ड को अर्पित दिवस,सारे कवि…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** आज़ादी का युवा जोश क्रांति का मतवाला भगत,बचपन से दृढ़ संकल्पित स्वाधीनता का दीवाना भगतब्रिटिश के छक्के छुड़ाता मस्ती में था सिंह भगत,'इंकलाब जिंदाबाद' के…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** दानिश का जिक्र होगा तो मैं भी दबीर हूँ।आदम की ही मैं आल हूँ उसका खमीर हूँ। मैं खुद अनापरस्त भी हूँ बा उसूल भी,इज़्ज़त…
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* ग्रीष्म का बढ़ा प्रभाव,रवि ने दिखाए ताव,तपे वसुधा गगन,जल पान कीजिए॥ ताप का प्रकोप जारी,फैल रही महामारी,लोग सभी परेशान,सिर ढक लीजिए॥ खग मृग ढूंढें छाँव,सूने…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गहन तिमिर से नाता तोड़ें, उजियारे को अब भाएँज्ञान, चेतना, नव विवेक का, दीपक सतत् जलाएँ।यूँ ही नहीं कभी हम भटकें, अब व्यर्थ न आँख मलें,वापस…
मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** रंग बरसे… (होली विशेष)... यह बेला है रंगों की,जिसमें है साथी-संगी। पकवान हैं मीठे-मीठे,जिसे खाने में सभी जुटे। त्योहार है यह बहार की,फागुन में बरसती फुहार…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मन मेरा सुन्दर,तन कुछ समझे नामन कहे भज ले हरि,तन यहाँ मोह से परे ना। कहता मन,तन को ना देखोहै नहीं यह तेरातजना है यह…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* केसरिया नित मांगलिक, धर्म सनातन मान।भारत माँ परिधान यह, ध्वजा तिरंगा शान॥ केसरिया परिधान मन, मोहे प्यारे रंग।लगे प्रिया तनु चारुतम, भर दे प्रीति…