कृष्ण-सुदामा बनो
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** मित्रता-जिंदगी… एक मित्र था अति निर्धन, और एक मित्र था बहुत धनी,धन अवरोध न बन पाया, दोनों की मैत्री बड़ी घनी। सांदीपनि से शिक्षा पाकर दोनों निज गृह लौट गए,एक रहा हरदम गरीब, दूजे ने झंडे गाड़ दिए। कंस का वध करके मात-पिता कारा से छुड़वाया,नाना को उनका सिंहासन, श्री कृष्ण ने … Read more