आज होली कौन जलाए…?
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** रंग बरसे… (होली विशेष)... निष्कलंक निष्पाप मानव,उर उदगार एक जिसकेउक्ति, वचन सब नेक जिसके,छल ना जाने खेल कोईनिर्मल बेदाग बेमेल कोई,सच की धुन पर गीत गाएआज होली कौन…
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** रंग बरसे… (होली विशेष)... निष्कलंक निष्पाप मानव,उर उदगार एक जिसकेउक्ति, वचन सब नेक जिसके,छल ना जाने खेल कोईनिर्मल बेदाग बेमेल कोई,सच की धुन पर गीत गाएआज होली कौन…
सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** रंगीला फाल्गुन आई होली,गली-गली मस्तों की टोलीरंगो-रंगो, सुनाई देती बोली,हँसी-ठिठोली से भरी झोली। पापड़, गुझिया सजी थाल,ठंडाई पीकर, करें धमालनाचो-गाओ एक सुर-ताल,होली पर हो…
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** रंग बरसे (होली विशेष)... आओ नी सजनी मंगल गाएं,शुभ उत्सव हर्ष बेला मनाएंरल-मिल पंछी शोर मचाए,अबीर-गुलाल भर जश्न मनाएंचहुं ओर ढोल मंजीर स्वर भाए,आओ नी…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ख़ुशियों का त्यौहार लो देखो आया है,बच्चों ने होली में धमाल मचाया है। मौसम ने भी ली अँगड़ाईसर्दी बिदा ग्रीष्म है आई,सूरज ने भी ताप दिखायाअनबन की…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रंग बरसे…(होली विशेष)... जीजा ने साली पर मोहित होकर गालों पर गुलाल मला,साली के दिल में भी जीजा के लिए प्रेम का भाव पलादोनों चुपके-चुपके खा…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रंग बरसे… (होली विशेष)... बिगड़े-बिगड़े चेहरे, रंग-बिरंगे गाल।होली के त्योहार में, लोग हुये बेहाल॥ प्रकृति सकल गोरी बनी, मचा रही हुर्दंग।टेसू के मिस तरु विटप, खेल रहे हैं…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रंग बरसे…(होली विशेष)... धर्म सनातन पर्व शुभ, होली का त्यौहार।धवल रक्त पीला हरित, फागुन रंग बयार॥ भारत जन उल्लास मन, फागुन होली रंग।भीगे रंगों…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** नारी से नारायणी (महिला दिवस विशेष)... नारी तुम नारायणी हो, नरश्रेष्ठों की जननी हो,निर्मल नेह प्रसविनी, वैसे तो तुम अवनी होप्रेम पुरन्ध्री, अनुरागिनी, सौंदर्य की कवनी…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** जो हैं हमारे,हम उनके हों लेंये सच्ची होली। जिसको है बैर,उससे दूरी भलीकरो न संग। रंग प्रेम का,हर मन चढ़ानामन हो साफ। खेलो यूँ होली,खिल जाए…
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** दीवार बंटवाराकरती है,दो लोगों कोअलग-अलग करती है। काम ऐसे करें कि आपस में,दीवार न पड़ जाएअच्छा-भला रिश्ता,खाक में न मिल जाए। टूटे धागे को…