बड़ी अदालत ईश की

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बड़ी अदालत ईश की, मिले जहाँ पर न्याय।चूक नहीं होती वहाँ, लगे न कोई हाय॥ न्याय माँगने के लिए, वादी करता वाद।मन में इक आशा लिए, करता वह फरियाद॥ प्रतिवादी भटके फिरे, लगा न्याय की आस।लड़ता है वह अंत तक, रख मन में विश्वास॥ अधिवक्ता कानून का, रखते सदा विवेक।पक्ष … Read more

फूलों की महक

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* रंग-बिरंगे फूल खिले हैं,कितने प्यारे फूल खिले हैंखिले हैं फूल महकते हुए,ताज़ा हैं फूल बिखरे हुए। मुस्कुराकर खिलते हैं फूल,इठलाकर खिल उठे हैं फूलनन्हे से फूल खिल उठे हैं ,प्यारे-प्यारे फूल खिले हैं। फूलों का हँसता बगीचा,मेरे मन को पावन करताफूल घर-आँगन में महकता,सबके मन को पावन करता। प्यारे-प्यारे फूल खिले … Read more

कहने को व्याकुल

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* सतहों पर खामोशी हैपर मन में कितना शोर है,चुप-चुप सी लगती दीवारें…अंदर की बात और है। कहने को व्याकुल-सी खटियाकरती चरमर दिन-रात है,आजू-बाजू से निकल रहे…पर फुरसत किसके पास है ? कुछ प्यार छिपाया बूँदों मेंअब बरसने को बेताब है,धरती की पनाह में जाने को…न जाने क्यूँ बेकरार है। खुशियों बिन … Read more

बस अच्छे इंसान बनो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** अच्छे इंसान बनो,बस विद्वान बनो। कभी ना लड़ना,बस आगे बढ़ना। होना खूब सफल,तभी सुनहरा कल। सबको उम्मीद तुमसे,गिरना ना डगर से। तुम्हीं भविष्य कल का,अच्छे काम करना सदा। बुराई नहीं अपनाना,लक्ष्य में ध्यान लगाना। बस ऐसे गुणवान बनो,हर मन का मान बनो। सच बोलो, साथ निभाओ,कभी दिल मत दुखाओ। मीठे बोलों … Read more

बेचैनी क्यों…?

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* बेचैनी क्यों है इतनी,जब हर समस्या का हल है। आज परेशान हो जितना,उतनी ही खुशियाँ कल है। सुख-दुःख है आना-जाना,यही सत्य अटल है। चिंताओं में गुम ना होना,मन आवारा बादल है। लुत्फ़ उठाओ जीवन का हर पल,यही संपत्ति अचल है॥

समाज मौन है और मैं भी…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आपाधापी मृगतृष्णा का, भागमभागी अविरत पथ है।किसकी चिन्ता किसको चिन्ता मौन आज सामाजिक मठ हैजान और पहचान वृथा सब,है अपनापन रिश्तों का गम,कहाँ सत्य अब ग्रास झूठ देख मौन मैं भी चुप नम है। अभिलाषा अभिलेख बना अब राष्ट्र धर्म बस स्वप्निल हैमातृभूमि तिरोहन निर्भीत लाज कोख रक्षण दुर्बल … Read more

जेठ दुपहर सताए

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** उफ़ ! जेठ दुपहर तड़पाए,लगे ज्यों यह दहक-दहकाएतपती धूप ज़िया तड़पाए,ज़िया बेचैन हलक सुखाए। दुपहर बेदर्द पौन छुपाए,रूह, अटक हुलार तरसाएरूठीं ज्यों, विरहिणी दुखियाए,जेठ दोपहरी तन-मन हलसाए। है मेघपुष्प हाहाकारी l,कहीं छाया लिए तकरारीकहीं बिजली लिए ललकारी,अन्य सफ़र व भारी दुश्वारी। भीषण लौ दावानल देखो,स्वार्थी मनुज क्या है जाने ?सर्वस्व … Read more

आओ करें योग

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* योग दिवस विशेष…. सब अपने तन-मन से दूर करें रोग,आओ करें योगसंजीवनी है यह सेहत की,रखे सबको निरोग।आओ करें योग… प्राणायाम स्वस्थ मन का प्राण,स्वस्थ शरीर के लिए व्यायामआष्टांग योग का नियम अपनाकर,जीवन को बनाएं विशेष।आओ करें योग… भारत की प्राचीन परम्परा से,योग है स्वास्थ्य का आधारधीरे-धीरे सारी दुनिया,ने इसको अपनाया।आओ करें … Read more

प्रकृति कितनी सुंदर

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** प्रकृति कितनी सुंदर,खुशबूदार फूलसुंदर सजीले फल,हरियाली की चादर बिछीझरने की जैसे खिलखिलाती आवाज। कोयल की कूक,तैरते कमलतितलियाँ भौंरे संग खेलती,पहाड़ों पर जाती पगडंडियाँशीतल हवा,पीपल के नीचे चौपालमंदिर की घण्टी की ध्वनि,लोकगीतों की मधुर आवाजमन मोह लेती है। शाम को गोधूलि बेला,गाय के गले में बंधी घण्टीमानों आरती हो रही हो प्रकृति … Read more

तू मेरा सारथी बन जा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* तू मेरा सारथी बन जा, इसी दुनिया में कदम धरूँगी।नेहा की मुझ पर बारिश कर दे, तेरा अनुसरण करूँगी॥ अथाह ज्ञान का सम्मिश्रण कर दो, जीवन नैया पार हो,विषयों से भरी इस दुनिया में, ज़िंदगी का सार हो।कभी भटकना कभी फिसलना, पर मैं तेरा स्तंभ बनूँगी,तू मेरा सारथी बन जा, … Read more