संस्कार विहीन नारी

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आज की नारी शातिर, उस्ताद हुई,यह तो बदहवास हुईथी नारायणी,‌ बेरहम ‌हुई,आधुनिकता के नाम, बेलगाम हुई।आज की आधुनिक-नारी संस्कार- विहीन हुई… सहनशीलता त्याग पासा पलट रही,क्षमा, दया, ममता त्याग बेदर्द हुईशान-शौकत के नाम, पगड़ी उछाल रही,साक्षर, बेहया बेपढ़ बेवफा हुई।आज की आधुनिक-नारी संस्कार- विहीन हुई… सीता, सावित्री अनुसूईया,उर्मिला, सुलक्षणा, सुनीति… … Read more

करें आत्ममंथन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* करें आत्ममंथन सुपथ, प्रथम कार्य शुरूआत।बढ़ें अटल संकल्प पथ, फँसे नहीं जज़्बात॥ रहें मौन सबको सुनें, निर्णय लें शुरूआत।मिले कर्म फल ज़िंदगी, हो सुख यश बरसात॥ निंदक जो भी सन्निकट, अपना करें सुधार।बहु बाधा कठिनाईयाँ, पौरुष का आधार॥ कर्म सुयश अभिरुचि बढ़े, मिले सफलता चाह।नव उमंग संघर्ष पथ, सहज … Read more

अंतिम उड़ान

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** अहमदाबाद विमान हादसा… आशाओं से पूर्ण विमान जब नीले गगन में उड़ चला,किसे पता था नियति का प्रहार उस पल था पीछे खड़ासपनों की वो रेखाएँ जो बादलों में थीं चित्र रच रहीं,क्षण भर में टूट ध्वस्त हुईं, और निस्तब्ध रह गईं। माँ की ममता, पिता की सीख, भाई-बहन का सच्चा प्यार,सब … Read more

ज़िंदगी का क्या भरोसा ?

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** अहमदाबाद विमान हादसा… ज़िंदगी का क्या भरोसा,उड़ते-उड़ते बिखर गए सपनेउड़ान भरी थी, उम्मीदों ने,और आँखों में था कल का नक़्शा। सुबह की फ्लाइट थी,बच्चे ने ज़िद की होगी कि “मम्मी, विंडो वाली सीट लाना!”पिता ने व्हाट्सएप पर एक स्टिकर भेजा होगा-“लव यू बेटा” माँ ने दही चीनी खिलाकर भेजा होगा … Read more

काश! वे लौट आएं

ऋचा गिरिदिल्ली*************************** अहमदाबाद विमान हादसा… किसको पता था ?ये गति एक दिन त्रासदी लाएगी। उन्हें जाना था अपनों से दूर,पर इतनी भी दूर नहीं कि वेलौट ना सकें। विकास इतना क्षमतावान नहीं हो पाया,कि इस विभीषिका को रोक सके,इसे पलट सके,उन पलों को प्रत्यागत करेजहाँ सेल्फी ली थी,जहाँ खुशियाँ अपने शिखर पर चहचहा रही थी,जहाँ … Read more

एक पल में सब बदल गया…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** अहमदाबाद विमान हादसा… हवा में था एक सपना, उम्मीदों का कारवाँ,नज़रों में थी मंज़िलें, दिलों में था आसमाँपर वक्त ने बदली यूँ राह, तक़दीर ने ली करवट,एक पल में सब बदल गया, छा गई अश्रुओं की बरसात। जो कल थे मुस्कुराते, आज तस्वीरों में बंद हैं,जो गले लगकर निकले थे, अब … Read more

पानी भी प्लास्टिक में…

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** देखो तुम सब देखो,हर ओर कबाड़ा हैहम सबने डाला है। सब्ज़ी फल और किराना,सब प्लास्टिक में मिलताजो कभी नहीं गलता। कपड़ा, बर्तन, फैशन,सबमें ये समाया हैक्यों इसको बनाया है ? पर्वत, सागर, नदियाँ,दूषित सब होती हैंविष ही ये बोती हैं। हर काम प्लास्टिक से,हर माल प्लास्टिक मेंपानी भी प्लास्टिक में। करते हैं … Read more

गौरवान्वित ‘हिन्दी’

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** हिन्दी का तो स्पंदन प्यारा,हिन्दी का वैभव न्याराआलोकित रूप से सज-धजकर,विश्व में ज्योति के साथ खड़ी। शब्द-शब्द रस हैं घोले,स्वर, छंद, दोहे, सोरठेगुणगान देखे,कहानी-निबंध-उपन्यास भरे हैं। नभ को विभोर करें,धरा में भीतर सीप में जैसेमोती गढे हैं।गुंजायमान है हिन्दी,तुम्हें नमनः प्रणाम है हिन्दी॥

चमेली और बेला की महक

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* चमेली, बेला है रात की रानी,महक है इनकी बड़ी सुहानी। घर-घर होती फूलों की क्यारी,चमेली, बेला की महक निराली। फैली हैं खुशबू महका है आँगन,बेला, चमेली से खिल गया आँगन। रात को खिलते सुबह महकते,घर के आँगन में सदा है खिलते। आँगन में छाई चमेली, बेला की बहार,महक उठी फूलों से … Read more

बम भोले त्रिपुरारी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बम भोले त्रिपुरारीमस्तक शशि शोभाशिव शंकर विषधारी। बाघम्बर तन सोहेजटा-जूट वालेमन गंग-धार मोहे। वृषभ सवारी करेंकर त्रिशूल धर्तासब भक्तों के कष्ट हरें। दधि, दूध शहद घी कालेपन करते हैंस्नान गंगाजल का। बेलपत्र चढ़ाते हैंभाँग और धतुरासब शिव को भाते हैं। शिव हैं भोले-भालेशीघ्र मान जातेसंकट हरने वाले।