पुन: सजाएँ सुंदर कुदरत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आओ सब मिल सजग जागरण चलो साथ हम पेड़ लगाएँ,पुनः सजाएँ सुन्दर कुदरत जो संजीवन आधार बनाएँहो कुदरत का अद्भुत सर्जन, हो भू जलाग्नि नभ वात विमल,बने विश्व स्वच्छ पर्यावरण, जल थल नभ परिवेश विमल हो। है अमोल जीवन जल पावन, संरक्षण अनिवार्य समझिएक्षिति जल पावक गगन हवा मिल, … Read more

जीवन का रहस्य

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जन्म, जीवन, वंश सब येजीव के वश में नहीं,समय, काल, परिस्थिति परभी तो अपना वश नहीं। क्या है जाति और कुल ?आता समझ में कुछ नहीं,रूप-रंग जो मिला उससेउस पर भी अपना वश नहीं। प्रारब्ध से है जन्म मिलतायोनि भी प्रारब्ध ही है,प्रारब्ध से दु:ख-सुख मिलेपिछले जन्म के कर्म ही हैं। माता-पिता … Read more

तन्हाई से दोस्ती कर ली

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* तन्हाई से दोस्ती कर ली हमने,रिश्तों ने बहुत रुलाया हैअपनों की गलियाँ छोड़कर,वीराने में आशियाना बनाया है।तन्हाई से दोस्ती कर ली हमने… अंधेरों से दोस्ती कर ली हमने,उजाले अब नहीं भाते हैंउजाले में देखा बेनकाब होते रिश्तों को,अंधेरों ने दिल पर मरहम लगाया है।तन्हाई से दोस्ती कर ली हमने… खामोशी को अपना … Read more

दोस्त परमानेंट जरूरी

जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* होती दोस्त की दोस्ती सही,बीमारी दूर भागती है सभीमिलता है जब दोस्त लगता है,साँस मिली खुली हवा में जैसीमज़ाक भी लगती है दोस्त की,दीवाली की फुलझड़ी जैसी। बचपन-जवानी-बुढ़ापा कटे एक जैसीआहट लेता ‘मिस काल’ से ज़िन्दा- मरने कीकरता है समाधान समस्या हो कैसी भी,है दोस्ती ज़िंदगी में इत्र की खुशबू सी।मज़ाक भी … Read more

बरसात रे…

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** मेरे अंगना में आई बरसात रे,चिड़िया लोट रही थी धूल मेंकाले बदरा घुमड़ रहे दिल में,पत्तों पर छाई बूँदों की छाप रे।मेरे अंगना में आई बरसात रे… मोर नाच रहा देख बरसात में,बिजुरिया कड़की भर बरसात मेंगोरी का मुखड़ा दमका रात में,गीत सुनाए हवाएं भीगे साथ में।मेरे अंगना में आई बरसात … Read more

हमारा अखंड भारत सम्पन्न भारत

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* मैं हूँ हिंदूतुम मुसलमान,तेरा है कुरानरामायण मेरा ईमान,पर सबसे आगे हैहमारा हिंदुस्तान और-हम दोनों ही हैं इंसान। मेरा लहू लालतेरा भी है लाल,मैं भारत माँ का बेटातू भी नहीं हो छोटा,भले तू पढ़ता नमाज़प्रार्थना करता मेरा समाजदोनों ही रह रहे हैं खुश-फिर कैसे होने लगे नाखुश। नाखुशी का कारण है … Read more

जाने दो जाने वाले को

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जाने दो जाने वाले को, नाहक चिन्ता तुम करते हो,उठो जाग चल पौरुष नव पथ, नव नई सोच तुम गढ़ते होपृथक-पृथक चिन्तन अन्तर्मन, नाश व्यर्थ वक्त तुम करते हो,आलम्बन उद्दीपन मानस, देशार्थ मार्ग तुम बढ़ते हो। जाने दो जाने वाले को, नि:स्वार्थ सार्थ क्यों बनते हो,वक्त नजाकत समझ बन्धुवर, … Read more

बहुत हो चुके रक्ताभिषेक

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* महामृत्युँजय के निरंतर जाप में, जैसे निकल रही हो प्रेत यात्राएंठीक वैसे ही आज हो रही है, पर्यावरण की बेशुमार वलग्नाएंजय घोष ही जय घोष सब दूर पर्यावरण का, पर शून्य हो गई कृतिकाएंअरे! इन झूठे आदमियों को कोई तो संभालो, बहुत हो गई वलग्नाएं। यहाँ अहंकार की टसल मची है, … Read more

शुद्ध अन्न, स्वस्थ जीवन

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ (७ जून) विशेष… हर थाली में हो जीवन की चमक,ना हो कहीं भी ज़हर की लपटविश्व खाद्य सुरक्षा का ये पैग़ाम,जगाएं इंसानियत का सच्चा काम। अन्न नहीं, बस रोटी का टुकड़ा,ये धरती का है अमूल्य उपहारपर क्या हर निवाला जो खाते,वो है वाकई सुरक्षित, सार ? देखो … Read more

बढ़ता जा रहा हमारा देश

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ ये हमारा देश है,विकासशील देशों में एकजो बढ़ता जा रहा हैभारत अब नहीं है किसी से कम,ये हमारा देश है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक,हर क्षेत्र में आगे बढ़ताक्योंकि अब तस्वीरें बोलती सच की कहानी,ये हमारा देश है। तरक्की को पहचानने वाला,क़दम से क़दम मिलाकर आगे बढ़ने वालासभी को साथ में … Read more