जय-जय हिंदुस्तान

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** खुद स्वीकारी पाकिस्तान ने बातें यह,प्रायोजित आतंकवाद का अपना सहभारत हमले में गया आतंकी किला ढह,‘आपरेशन सिंदूर’ से हिंदुस्तान ने की फतेह। अब होगा सिंधु नदी का पानी बंद,हो गई है पाकिस्तान की बोलती बंदजिनकी साँसें हुई खुद-ब-खुद ही बंद,कहता है भारत की साँस करूँगा बंद। रखा है परमाणु बम … Read more

कौन सुनेगा मेरी ?

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** रफ्ता-रफ्ता ज़िंदगी की राह पर चलता रहा,हर कदम पर मेरा अपना ही मुझे छलता रहा। किससे करने जाएँ शिकायत, कौन सुनेगा मेरी ?जब मेरे अपनों ने, इज्जत तार-तार की मेरी। सब हो गए पराए, समझा था जिनको अपना,जो स्वप्न देखता था, वो बन गया है सपना। इज्जत की धज्जियों को, थामा था … Read more

सावित्री रक्षित प्राण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावित्री ने तप किया, पति के रक्षित प्राण।नारी रखें सतीत्व तो, पति का हो कल्याण॥ बरगद का वह पेड़ था, आये थे यमराज।सावित्री के तेज पर, हुआ उन्हें भी नाज॥ सत्यवान के प्राण को, छोड़ भगे यमराज।इसीलिए तो पूज्य है, सावित्री हर काल॥ पत्नी में हो दिव्यता, तो पति का अमरत्व।पति … Read more

हे हरि! तुम आना प्रीत निभाने

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** हे हरि !बहुत दिनों से बैचैनतुम्हारी बाट जोह रही हूँ,जैसे शबरी की तड़पती आशाजैसे विदुर की गहन प्रत्याशा। हे हरि!तुम मेरे सपनों में आना,तुम आना अवश्य, मेरे मन मंदिर में समाकब से अखियाँ… दर्श दिखाना,जी-भर देखूं ! तुम्हें टुकुर-टुकुर, ये ठाना। हे प्रभु हे ! मेरे प्रियतम,तुम वैसे ही आना, … Read more

जलते चिराग

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ख़ुदगर्ज़ सब रफीक फरामोश हो गए।कुछ वक़्त के साए में भी बेहोश हो गए। महफिल में उनके आने की चर्चा सुनी मैंने,हम तो उसी खबर पे ही पुरजोश हो गए। पलकों पे जो सजते थे, दिखते नहीं मुझे,लगता है मुझको ऐसे कि बा-होश हो गए। अब तक तो जिसने नाम … Read more

जब मैं अकेले…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तब पीड़ा नहीं होती,जब मैं अकेले में रोती हूँचोट तब लगती है जब,अकेले में जश्न मनाती हूँ। तब दर्द नहीं होता,जब मैं अकेले सो जाती हूँकष्ट तब होता है जब,उठकर खुद को अकेला पाती हूँ। तब आहत नहीं होती हूँ,जब मैं अकेले रहती हूँतब होती हूँ जब मेरी,अनुपस्थिति ज्ञात नहीं होती। … Read more

फुरसत के पल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कहीं किसी दिन फुरसत के पल,हम प्रेमी युगल इरशाद करेंरस पान नशीली ऑंख चपल,हम साथ बैठें, संवाद करें। अनुभूति प्रीत आह्लादित मन,हमदम गुलशन गलहार करेंइज़हार मुहब्बत हमदिल बन,दिल चमन कशिश गुलज़ार करें। बाॅंटें खुशियाँ मुस्कान अधर,आलिंगन तन-मन खास करेंप्यार घटा गहनतम बारिश में,भीगे साजन हम बिंदास करें। चंचल पलकें … Read more

कसक हृदय की

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर कसक है आज हृदय मेंसुधि बन छाया कौन,झुकती जाती बोझिल पलकेंमन में द्वारे आया कौन ? लिखने बैठी पीर हृदय कीमन में मेरे समाया कौन,देर रात तक बातें करतीचैन जिया का छीने कौन ? बार-बार बस यही सोचतीनयनन कोर भिगोता कौन,भूली-बिसरी सारी यादेंमुझको याद दिलाता कौन ? सुलग रहा तन-मन सखी … Read more

वह तेजस्वी महाराणा प्रताप

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* नस-नस में जिनके देशभक्ति कासागर-सा रक्त उफनता था,भींची हुई मुट्ठियों में जिनकेआक्रोश मुगलों पर उतरता था।वह तेजस्वी चित्तौड़ के राजा,वीर राणा प्रताप कहलाते थे। धन्य हुई धरा जिनके जन्म परफर्ज माटी का निभाया था,मुगलों की विराट सेना से,राणा ने पेंच लड़ाया था।मुट्ठीभर सैनिकों के सहारे,हल्दीघाटी में युद्ध कराया था। हाहाकार मचा, … Read more

बरस रहे अंगार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आसमान से आज तो, बरस रहे अंगार।पैर जल रहे, सिर तपे, सूरज की है मार॥ सूरज तो अब हो गया, सचमुच में खूँखार।आज आदमी त्रस्त है, बरस रहे अंगार॥ सड़कों पर चाबुक चलें, ताप बना हथियार।नहीं किसी का ज़ोर है, बरस रहे अंगार॥ अच्छा-खासा आदमी, आज हुआ बेकार।बचना मुश्किल हो गया, … Read more