फुरसत के पल
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कहीं किसी दिन फुरसत के पल,हम प्रेमी युगल इरशाद करेंरस पान नशीली ऑंख चपल,हम साथ बैठें, संवाद करें। अनुभूति प्रीत आह्लादित मन,हमदम गुलशन गलहार करेंइज़हार मुहब्बत हमदिल बन,दिल चमन कशिश गुलज़ार करें। बाॅंटें खुशियाँ मुस्कान अधर,आलिंगन तन-मन खास करेंप्यार घटा गहनतम बारिश में,भीगे साजन हम बिंदास करें। चंचल पलकें … Read more
 
					 
						 
						 
						 
						 
						 
						 
						 
						