अज्ञात रास्ता

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** अज्ञात रास्ता, अनजान डगर,जीवन की होती फिर सहर। अज्ञात रास्तों पर मिलता ज्ञान,भटक-भटक कर राहें आसान। अज्ञात रस्ते होते कठिन लेकिन,लक्ष्य सादे तो मंजिल होती सरल। अज्ञात रास्ते बनते सबल जब,मानव करता मेहनत सफल। अधूरे ज्ञान और अधूरी बातें,अधूरे सपने, अज्ञात रास्ते। संघर्ष जीवन का नित्य नियति,कर्म विधि-विधान का नियम॥

खूबसूरत एहसास

मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* लगता है किसी न किसी की दुआओं का असर है,जो मेरी ज़िंदगी में खुशियों का बसर हैतभी तो गमों की हवाओं का जोर बेअसर है,यूँ दुआओं संग बढ़ रहा यह खूबसूरत-सा सफ़र है। न कमाई है दौलत हीरे-जवाहरात-सी,बहुत बुलंद है फिर भी तकदीर मेरीढेरों अपनेपन के संग गुजर रही जो ये … Read more

योग सिद्धि ध्यानी प्रबल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गौतम ऋषि सप्तर्षि में, सर्वोत्तम मतिमान।योग सिद्धि ध्यानी प्रबल, चतुर्वेद विज्ञान॥ ऋषि अगस्त्य साधक महा, सप्तर्षि अति ज्येष्ठ।क्षमा शील करुणा दया, वेद ज्ञान में श्रेष्ठ॥ गणपति लम्बोदर नमन, ध्यान करूँ विघ्नेश।गौरीनन्दन दो सुमति, मूषिकराज गणेश॥ सुर नर मुनि गण नित चरण, पूजित मूषिकराज।सिद्धिविनायक मौरया, पंचदेव निशिताज॥ रक्ताम्बर काया मृदुल, … Read more

मन में बसा कर

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मैं बढ़ रहा,आगे लक्ष्य पर निशानासाधते हुए मैं बढ़ रहा,गुरु की मूरत मन बसा कर। मैं इतना बड़ा नहीं,मैं दीन-हीन कैसे शिक्षा ग्रहण करूँ ?पर कोशिश तो करना पड़ती है,इसलिए गुरु की मूरत मन में बसा कर मैं बढ़ रहा। मन की एकाग्रता को लिए,मुझे गुरु कभी-न-कभी जरूर मिलेंगेतभी तो … Read more

जैसा कर्म करोगे, वैसा ईश्वर करें निवेश

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जन्मे मथुरा, पले गोकुल में श्रीनाथ,वृंदावन में रास रचे, गोवर्धनपति नाथयमुना विषमुक्त की कुचल कालिया नाग,राधा जी के प्रेम में, मिला बरसाने तक साथ। यशोमती मैया, बलराम संग हाथों में थे हाथ,दैत्य-दानव, राक्षसों से करते थे दो-दो हाथमहाभारत वो रच गए, देकर अर्जुन का साथ,कौरव सेना ने माँगा नारायणी सेना … Read more

बातों के जख़्म

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* चोटों के ज़ख्म तो भर जाते हैं,बातों के जख़्म घर कर जाते हैंजुबान पर रखना काबू सदा,इसकी धार से सब मर जाते हैं। जुबान होती है घातक सदा,कर देती है हलाल अच्छे-अच्छों कोबोल ज़हर बन कहर कर जाते हैंबातों के घाव घर कर जाते हैं। बोलों पर रखना सदा लगाम,वरना दिन … Read more

इमली का स्वयंवर

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* फलियाँ लुटा चुकी हताश इमलियों पर अब,उग आयी है नई कोंपलेंखुले बदन पर इमलियों ने ओढ़ लिए हैं,कोमल पत्तियों के शानदार घोंसलेफिर सज-धज गयी है इमलियाँ, जैसे सजती है रूपवती दुल्हनियाफिर निखर आयी सारी,जैसे सजती-संवरती हैंरूपमती नाजनीनियाँ। इमलियों के श्रृंगारित बदन पर अब तैर आई है नाजुक-नाजुक कलियाँ,इमलियों के तन-बदन पर … Read more

द्यूत का अंजाम

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** द्यूत खेलने का आमंत्रण खुद स्वीकार किया था,इन्द्रप्रस्थ से हस्तिनापुर तक का सफर किया थापता नहीं था द्यूत उसे किस नर्क में धकियाएगा,द्यूत का वो अंजाम उसे कैसे दिन दिखलाएगाइक सम्राट को वनवासी-सा जीवन जीना होगा,पथ में लाखों शूल मिलेंगे, उन पर चलना होगा। धर्मराज कहलाने वाले ने क्या धर्म निभाया ?सारा … Read more

शिव-शंकर जैसा कोई दानी नहीं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** मेरे शिव-शंकर के जैसा,कोई दानी नहीं।सच्चे मन से शरण में हूँ,कोई दयानी नहीं॥ शिव की कृपा से उनकी,सुंदर भक्ति जीवन में आए।शिव की करुणा का जग में,कोई सानी नहीं॥ भक्तों को न स्वर्ग चाहिए,न मुक्ति-सुख की आशा।छूटे नाम शिव मुख से बड़ी तो,कोई हानि नहीं॥ सोचूं शिव पूजूं शिव … Read more

मैं घड़ी, वक़्त प्रियतम

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** दौड़ती, टिक-टिक मैं घड़ी हूँ,समय-प्रियतम प्रेयसी मैं हूँसमस्त जग वश, समय घड़ी हूँ,प्रेयसी सह-प्रिय सदा मैं हूँ। उच्चतम दर क्रय दे सजाते,शान-शौकत अहम इठलातेवाह! खूब, रह-रह इतराते,भान, मुझे तब सिर्फ सजाते। उद्विग्न, देख निज अनदेखी,उपेक्षा, फिसल रेत हथेलीधिक् तुम्हें! पूँजी लम्हें खाली,झरे स्वप्न! क्षण न कद्र, देखी। मुद-मंगल करमूल सुहाती,गफलत … Read more