हमसफ़र हुई बारिश
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** बेशतर हुई चाहे, मुख़्तसर+हुई बारिशवस्ल-ओ-हिज्र दोनों में, मो’तबर+ हुई बारिश। दिल के भीगे काग़ज़ पर, ‘ऐन-शीन-क़ाफ़’ उभराउंगलियों की हरकत से, उफ़ शरर हुई बारिश। वक़्त-ए-रुख़सती जिनको, थी विदा’अ की जल्दी,उनको रोके रखने में, कारगर हुई बारिश। पहले दूर जाते तक, रोए बिन उन्हें देखा,फिर हमारी आँखों की, हमसफ़र हुई … Read more