कुदरत का कहर तो बरपेगा
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** उजड़ रही है देखो बस्तियाँ आज,उजड़ रहे हैं सब खेत-खलियानवह दिन भी शायद दूर नहीं अब,जब बन जाएगी धरती ही श्मशान। न कार रहेगी, न कोठियाँ तब,न घर रहेंगे और न ही तो मकाननदी-नालों में बहती लाशें दिखेगी,पहाड़ बनेंगे सब सपाट मैदान। विकास के नाम पर लूट मचाई है,भ्रष्टाचार की अब … Read more