वर दो

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* पुस्तकधारिणी वीणापाणि,ज्ञान सुधा उर भर दोरहूँ सदा तेरी गुण गाती,माता मुझको वर दो। कर दो मन से दूर अँधेरा,माँ ज्योतिर्मय कर दोबढ़कर थामों हाथ हमारा,मन ऊर्जा…

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कठिन पहेली ज़िंदगी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कठिन पहेली जीवनी, समझे संत सुजान।तन मन धन अर्पित वतन, परहित श्रम यश मान॥ कठिन डगर मुश्किल सुपथ, साथ रहे पुरुषार्थ।बने लक्ष्य जनहित वतन,…

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प्रार्थना वीणावादिनी से…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* बसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... हे वीणावादिनी! तू इतना भला आज मेरा कर दे,मानव के श्रेष्ठ गुणों से लबालब तू मेरा दामन भर…

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लगता ‘बसंत’ था…

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* बसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... खुशियों भरी ऋतु,कलियों, फूलों, बहारों कानवचेतन मन का,उल्लासित तन कारंग-बिरंगी सपनों का,आम की बयार काभौंरों की गुंजन का,कोयल…

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जलता रहे प्रेम दीप

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** न कोई चाहत, न कोई शर्त, बस प्रेम का उजियारा,मन से मन का संग जुड़ा, जैसे चंद्र का तारा। ना स्वार्थ, ना अभिमान, बस एक निश्चल धारा,जो…

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घोला प्रेम रंग

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* घोला प्रेम रंग रस थोड़ा,डूब प्रेम में प्रेम निचोड़ाप्रेम धूप रख प्रेम सिखाते,आया है फरवरी माह निगोडा़…। प्रेमरोग हर दिल में छाया,उस पर बसंत यह बौरायाप्रेम उगा…

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पुतले-सी देह

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* बेतहाशा भागते-दौड़ते,गाड़ियों की सवारी करतेखड़े-बैठे गपशप करते…मैंने केवल देह को देखा। लाइन में लगते, टांग खींचते,धक्का-मुक्की जबरन करतेहर गली और चौराहे में,मैंने केवल देह को देखा।…

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नारी क्यों अंधकार में ?

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मिली बहुत दिन बाद सहेलीगले लगाया पर वह मौन,मैंने पूछा उससे-बहनाकहो सताता तुमको कौन ? बहती आँखों के अश्रुधार नेदुःख उसका बता दिया,ठीक नहीं है कुछ तो…

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पग-पग चुनौती ज़िंदगी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* समझ चुनौती जिंदगी, है सुख-दु:ख संयोग।सफल वही संसार में, लोभ मोह तज भोग॥ लखि बलिदानी पूत को, भारत माँ हूंकार।शंखनाद कुरुक्षेत्र में, करो पाक…

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मेरी मर्जी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* मर्ज अड़ा है मर्जी का…लेकर चलता, है मुश्किल,इस तोहफे के नाकाबिलछलनी-छलनी दरका यह,नन्हा दिल हजारों कील। ठहर जवाब अभी दूंगा,दुनिया की खुदगर्जी का…मर्ज अड़ा है मर्जी का…॥…

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