ज्ञान की गंगा
सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ******************************************* आई बसंत पंचमी,वातावरण में छाई बहारहर दिशा में गूँज रहा,वीणा का मधुर संचार। पीले फूलों की चादर से, सजी धरा की रानी,सरसों के खेतों में देखो, प्रकृति…
सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ******************************************* आई बसंत पंचमी,वातावरण में छाई बहारहर दिशा में गूँज रहा,वीणा का मधुर संचार। पीले फूलों की चादर से, सजी धरा की रानी,सरसों के खेतों में देखो, प्रकृति…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* दिन में तारे दिखा देते हैं,रात अंधेरी कर देते हैंवक्त के ये बदलते सितम,हाय, रोम-रोम कंपा देते हैं। महकती हुई बहारों में,खिलती हुई कलियों काये वक्त…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* वसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव... शुक्लपक्ष दिन पञ्चमी, वासंती मधुमास।सरस्वती पूजन सविधि, अरुणिम ज्ञान प्रभास॥ करो कृपा माँ शारदे, मिटा त्रिविध…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ वसंत पंचमी: ज्ञान, कला और संस्कृति का उत्सव.... हम आधुनिक हैं…न मन में उमंग,न तन में तरंगन जीवन में उछंग,कहीं खो गया है वसंत…। हम आधुनिक हैं…आधुनिकता…
तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************** इस धरा पर अवतरित हुई जीवन सार आदरणीय गीता,जीवन इनका सरल सादगी से परिपूर्ण जैसे बहती जीवन सरिता। जिंदगी के हर मुश्किल पड़ाव पर अडिग शिला,हरेक…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** वसंत पंचमी विशेष... 'सरस्वती',वासंती मधुमासपूजन सविधि करें,अरुणिम ज्ञानकृपा। 'सरस्वती',माँ शारदेमिटा त्रिविध पाप,जीवन होसदाचार। 'सरस्वती',हरो मोहहंसवाहिनी ज्ञान दो,शुभ वेदसाधना। 'सरस्वती',साधना करेंबनो ज्ञान कवच,समर अज्ञानयश। 'सरस्वती',हो विजयसुपथ मान मिले,अन्धकार…
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** जय -जय-जय माँ सरस्वती,हे सकल विश्व भव तारिणीतेरे शरण मैं आई माता,जय माँ कष्ठ निवारिणी। शुभ्रवस्त्रा धारिणी माता,जय माँ हंस सवारिनीजय-जय-जय पद्मासना देवी,हे माँ ज्ञान प्रकाशिनि।…
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** जीवन स्नान का खेला है...?या कुम्भ के स्नान का मेला...? जीवन चक्र जब शुरू हुआ स्नान से,यही चक्र फिर ख़त्म हुआ स्नान पर। पहला पाप शुरू करने से…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* गणतंत्र दिवस:लोकतंत्र की नयी सुबह (२६ जनवरी २०२५ विशेष)... "लोगों ने, लोगों के लिएलोगों द्वारा चलाई गई सरकार",ऐसा ही कुछ कहा था अब्राहम लिंकन नेप्रजातंत्र के…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तुमसे अब महीनों बादमुलाक़ात होती है,दिन में न सहीसपनों में बात होती है। गिले-शिकवे सब भुलाकरदिल ही दिल ने तकरार होती है,तेरे कदमों की आहट सुनकरखुशियों…