अस्तित्व नारी का

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** महिलाओं का भूल कर करिए नहि अपमान। महिलाओं से होत है हम सबका उत्थान॥ महिला माता रूप में करती है उद्धार। रात-रात वो जाग…

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जीवन को आसान किया है

डॉ.गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’  महापुरा(राजस्‍थान) *************************************************************************************** नारी ने पुरुषों के जीवन को,आसान किया है, जीवन रूपी हवन कुण्‍ड में नित बलिदान किया है। नारी ने पुरुषों के जीवन को...॥ इतिहास…

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जी चाहता है

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सहे जुल्म जिसने सदियों से अब तक, उनको उबारो,यह जी चाहता है। करते रहे आदिशक्ति की पूजा मगर मातृशक्ति कुंठित रही है। हुआ नहीं मान…

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नारी तेरी अमर कहानी

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** जो समझो तो कविता हो, बूझो तो अमर कहानी हो। नारी तुम त्याग समर्पण, करती बलिदान जवानी हो। नारी!तुम श्रद्धा समर्पण जीवन, सृष्टि जीवन…

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तू ही तू

सुषमा दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** धीर है तू सत्य है तू खौलता उफान है, तू अर्चना आराधना तू भक्ति का वरदान है। प्रचंड तू अखंड भी तू ही शक्तिमान है, भैरवी…

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ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति

प्रणिता राकेश सेठिया ‘परी’ रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************************************* ईश्वर ने बनाई ये विराट सृष्टि, जीवंत किया फिर ये संसार। सोचा-समझा फिर महसूस किया, कहाँ है इसमें निस्वार्थ प्यार...? अपने पाक उन्नत विचारों…

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कन्हैया

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ श्याम ऐसे बसो मेरे मन में, कोई ढूँढ सके ना तुझे हममें। श्याम ऐसे बसो...॥ जैसे समुन्दर में मोती होते हैं, पर नज़र…

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नारी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* नारी प्रथम गुरु है सृष्टि उससे शुरू है, सृष्टा की आद्या सृष्टि है स्त्री का मान कीजिए। नारी देवी का है रूप नारी के हैं…

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दार्शनिकता

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** दार्शनिक की दार्शनिकता से,दैत्य सारे जल रहे, गले ना उनकी दाल तो वे,इधर-उधर उछल रहे। दार्शनिक के दर्शन का,वे सामना ना कर सके, खड़ा होना…

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जब ज़मीर शरमाया मेरा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* कोई दो कदम तो साथ रहे मेरे भी, इस उम्मीद में खोजता रहा वह चेहरा। संग चलने को मेरे जो तैयार हुआ, वह फकत साथ…

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