अधर धरो घनश्याम…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम।घनश्याम…घनश्याम…बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम॥ जब फेरोगे कोमल कर तुम,सुर दूँगी अविराम…अधर धरो घनश्याम।बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम…॥ देखूँगी मोहक सूरत को,मोहन आठूँ याम…अधर धरो घनश्याम।बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम…॥ साथ-साथ जायें वृंदावन,साथ-साथ विश्राम…अधर धरो घनश्याम…।बनाके बंशी अधर धरो घनश्याम…॥ यमुना तट जब धेनु चरावें,लोगे कर में थाम…अधर … Read more