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जय हिन्दी,जय भारत

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ 
इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)

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हिंदी दिवस विशेष…..

हिन्दी में विचार करें,
ग़लती सुधार करें
रचना हज़ार करें,
हिन्दी अपनाइये।

हिन्दी हिंद हिन्दुस्तान,
देश सबसे महान
हिन्दी से ही पहचान,
हिन्दी गीत गाइये।

सूर मीरा रसखान,
हिन्दी छंदों की हैं शान
तुलसी मानस गान,
प्रात: उठ गाइये।

जन-जन की है भाषा,
शब्द अर्थ परिभाषा
सीखने की करो आशा,
अलख जगाइये।

शारदे की कृपा मिले,
ज्ञान भक्ति द्वार खुले
सारा अंधकार धुले,
ज्ञान ज्योति पाइये।

विद्यावान धनवान,
गुणशाली बलवान
कीर्तिशाली यशवान,
श्रेष्ठता को पाइये।

नित्य करें सर्जनाएँ,
त्रुटियों की वर्जनाएँ
अनुपम रचनाएँ,
नित्य ही रचाइये।

भारती के लाल प्यारे,
हिन्दी भाषा के दुलारे
नर नारी बच्चे सारे,
हिन्दी अपनाइये।

परिचय-डॉ.नीलिमा मिश्रा का साहित्यिक नाम नीलम है। जन्म तारीख १७ अगस्त १९६२ एवं जन्म स्थान-इलाहाबाद है। वर्तमान में इलाहाबाद स्थित साउथ मलाका (उत्तर प्रदेश) बसी हुई हैं। स्थाई पता भी यही है। आप एम.ए. और पी-एच.डी. शिक्षित होकर केन्द्रीय विद्यालय (इलाहाबाद) में नौकरी में हैं। सामाजिक गतिविधि के निमित्त साहित्य मंचन की उपाध्यक्ष रहीं हैं। साथ ही अन्य संस्थाओं में सचिव और सदस्य भी हैं। इनकी लेखन विधा-सूफ़ियाना कलाम सहित ग़ज़ल,गीत कविता,लेख एवं हाइकु इत्यादि है। एपिग्रेफिकल सोसायटी आफ इंडिया सहित कई पत्र-पत्रिका में विशेष साक्षात्कार तथा इनकी रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। ब्लॉग पर भी लिखने वाली डॉ. मिश्रा की विशेष उपलब्धि-विश्व संस्कृत सम्मेलन (२०१५,बैंकाक-थाईलैंड)और कुम्भ मेले (प्रयाग) में आयोजित विश्व सम्मेलन में सहभागिता है। लेखनी का उद्देश्य-आत्म संतुष्टि और समाज में बदलाव लाना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-डॉ. कलीम कैसर हैं। इनकी विशेषज्ञता-ग़ज़ल लेखन में है,तो रुचि-गायन में रखती हैं। 

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