बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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आँखों में छवि आपकी,हे प्रभु कृपा निधान।
दुख-भंजन दुख टारिये,हम बालक नादानll
कृष्ण बजाये बाँसुरी,मुख पर सुन्दर साज।
मधुवन नाचे राधिका,गोपिन की सरताजll
भोली-भाली राधिका,कृष्ण प्रेम बँध आय।
मधुबन घूमे संग में,मंद-मंद मुस्कायll
मोहन की छवि चित्त में,रख अपने वो पास।
पिया-पिया रटने लगी,राधा हुई उदासll
श्यामल मोहन रूप तो,राधा गोरी रंग।
रास रचा ब्रजधाम में,लीला करते संगll