हिंदी विश्वविद्यालय दीक्षांत महोत्सव
वर्धा(महाराष्ट्र)।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय विश्वभर में पहुंचेगा।भारतीय भाषाओं में अब अभियांत्रिकी, चिकित्सा और विधि की पढ़ाई संभव होगी।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने यह बात महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय(वर्धा) के चतुर्थ दीक्षांत महोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही।
आपने अपने दीक्षांत भाषण में कहा कि आज जो लोग उपाधि लेकर योद्धा की तरह इस विश्वविद्यालय से निकल रहे हैं,उस पर गांधी जी की मुहर है।
उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हिंदी विश्वविद्यालय विधि की पढ़ाई हिंदी माध्यम से शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में अब अभियांत्रिकी, चिकित्सा और विधि की पढ़ाई संभव होगी।
महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलाधिपति प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का दायित्व बहुत बढ़ गया है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में आज भारतीय भाषाएं और हिंदी से अपेक्षा और उसकी संपूर्ति की अपूर्व संभावनाएं उपस्थित हो गई हैं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आपने बताया कि, विश्वविद्यालय ने कोरोना के नियमों का शत- प्रतिशत पालन करते हुए ११ से अधिक अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी हिंदी माध्यम से कराई, जिसमें १० देशों के अध्यापकों ने हिंदी में अपनी बात रखी।
महोत्सव में डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर मराठवाडा विवि के कुलपति प्रो. प्रमोद येवले, संत गाडगे बाबा अमरावती विवि के कुलपति प्रो. मुरलीधर चांदेकर सहित कार्य परिषद के सदस्य आदि भी ऑफलाइन एवं ऑनलाइन शामिल हुए।
(सौजन्य: वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)