सतरंगी गुलाल
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल, रंग हुआ लाल… पीली सरसों, नारंगी पलाश… भूले मलाल, भूले मलाल… आज ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल… रंग हुआ लाल..। मदमस्त हुआ आलम… सजनी बहके, संग बालम… चितचोर हुए, हैं सांवरे… पहनावे, गल बहियन के हार… उड़े गुलाल रंग हुआ लाल…। चितवन में लाज, अधरों पे साज… … Read more