ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा,श्रेष्ठ कर्म ही सार है।पुण्य पथिक जो बनकर चलते,करते वे उद्धार है॥ आडंबर का पथ झूठा है,सच्ची मन की भावना,सत्कर्मों की राह धरे जो,पूरी होती कामना।मानवता पथ ध्येय मनुज का,सुंदर शुभ व्यवहार है,ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा,श्रेष्ठ कर्म ही सार है…॥ … Read more

श्राद्ध तर्पण संस्कृति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* पितृ पक्ष विशेष…. अजर-अमर होती हैं सदा आत्माएं,संस्कृति हमारी भारत की समझाएउनका पूजन-दान है हमारे संस्कार,ग्रंथ पुरखों की पूजन विधि बताए। अश्विन प्रथम पक्ष का दिवस आएगंगा नदी या घर,पूजन तर्पण होयेहृदय से करें उन्हें हम सादर नमन,अंजुरी जल-तिल ले पानी पिलाएं। जिनके कारण हम धरा पे आए,उन्हें हम सब … Read more

इस विरहन की अमिट प्रीत वो

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* श्रृंगार आधारित………. इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन की आस सखी री।प्रेमिल मन आह्लाद हुआ अति,देख सुखद मधुमास सखी री॥ व्याकुल रहता है मन अक्सर,क्या इसका अहसास तुझे है।अंतर मन की पीड़ा हरने,आओगे विश्वास मुझे है।यहीं कहीं है पास मेरे वो,बार-बार अवभास सखी री,इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन … Read more

भारत के वीर सपूतों,शान हो

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ऐ भारत के वीर सपूतों,भारत की तुम शान हो।सैनिक सारे श्रेष्ठ धरा पर,तुम सबका अभिमान हो॥ दुश्मन से लोहा लेते हो, सम्मुख करते सामना,सच्ची हिय में देशभक्ति है,मर मिटने की भावना।शीश नवातें हम चरणों में,तुम ही शुभ गुणगान हो,ऐ भारत के वीर सपूतों,भारत की तुम शान हो…॥ आजादी की लड़ी लड़ाई,अमिट … Read more

मैं और मेरा देश

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. मैं और मेरा देश श्रेष्ठ है,भारत माता शान है।जनगण मुख पर सुरभित होता,यह अपनी पहचान है॥ वतन परस्ती लहू-लहू में,श्रद्धा अमिट अपार है,जाति-पाति है भिन्न धरा पर,हिय में बसता प्यार है।आजादी का बिगुल बजाया, वीरों का बलिदान है,मैं और मेरा देश श्रेष्ठ है,भारत माता शान … Read more

मैं हूँ मिथ्या

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* संग चले नित झूठ दिखावा,मिथ्या नाम है।है घनिष्ठ निज छल से नाता,छलना काम है॥ भ्रमित जाल फैलाये रखती,ऐसी भावना,मनुज हृदय पर देती झूठी,मंगल कामना।दूर रहे मानव नित मुझसे,शुभ पैगाम है,संग चले नित झूठ दिखावा,मिथ्या नाम है…॥ बीच प्रेम के मैं घुस जाती,सुख निज लूटती,रिश्ते-नाते सब टूटे पर,कभी न टूटती।आँख मूँदकर जो … Read more

पिताजी का साथ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है।शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है॥ नींव होते हैं पिता संस्कार है।एकता समभाव निर्मल प्यार है॥ आस है विश्वास सुंदर भावना।दे सदा खुशियाँ हमें शुभ कामना॥ स्वर्ग से बढ़कर पिता का प्यार है।मार्गदर्शन दे शुभम आधार है॥ प्रेम अरु आशीष शुभ वरदान दे।शुभ पिता … Read more

अंतर मन से श्रेष्ठ बनें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. अंतर मन से श्रेष्ठ बनें तब,होगा जग कल्याण।सत्य पथिक नित बनना होगा,तब संभव है त्राण। हृदय बसाएँ प्रेम भाव को,नित आएँ यह काम,मानवता की राह चले सब,कर लें जग में नाम।द्वेष कपट का भाव त्याग दो,कहते वेद पुराण,अंतर मन से श्रेष्ठ बनें तब,होगा जग कल्याण…॥ दीन-दुखी … Read more

बाल श्रम रोकें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* रोकें मिलकर बाल श्रम,समझे मनुज सुजान।बच्चों के इस कार्य से,बाधित है उत्थान॥बाधित है उत्थान,बालपन कोमल होता।शिक्षा से रह दूर,नित्य ही सब-कुछ खोता॥धर लें उत्तम मार्ग,बढ़ें वे नित पढ़-लिखकर।होवे पूर्ण निषेध,इसे सब रोकें मिलकर॥ उत्तम जीवन हम गढ़ें,यही हमारा फर्ज।शिक्षा के शुभ मार्ग में,नाम कराये दर्ज॥नाम कराये दर्ज,बाल ही यही अधारा।जाएँ वे … Read more

कबीरदास

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* शुभ कबीर कविराज,जगत के है उजियारा।नेक दिया संदेश,मिटाया मन अँधियारा॥कासी रहा निवास,बोल नित सत गुण भाषा।बोले संत कबीर,सत्य ही मन परिभाषा॥ गुरुवर रामानंद,कबीर सत् पथ अपनाए।करके जनकल्याण,काव्यधारा शुभ लाए॥शब्द-शब्द को तोल,दिया है सुंदर बानी।जानें संत कबीर,श्रेष्ठ कहलाते ज्ञानी॥ सुंदर रखकर ध्येय,ज्ञान जग में फैलाए।भक्तिकाल कविराज,सृजन अंर्तमन भाए॥सरल सहज थे बोल,छंद की … Read more