झूम कर मन बना मयूरी

आकांक्षा चचरा ‘रूपा’कटक(ओडिशा)************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. माँ शारदे की कृपा से पावन वसंत पंचमी का आगमन हुआ,शीत ऋतु ने करवट बदली,ठिठुरने का अंत हुआ। वसंत आया,वसंत आया,झूम कर मन बना मयूरी,हरियाली का मौसम आया,आरम्भ वसंत हुआ। आसमान में खेल चला है सतरंगी पतंगोत्सव का,लहराती पीली-पीली सरसों,बागों में आम का बौर आया। वसंत आया,वसंत … Read more

पावन त्यौहार गणतंत्र दिवस

आकांक्षा चचरा ‘रूपा’कटक(ओडिशा)************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. देश की शान तिरंगा प्यारा है,रोशन चाँद सितारों तक हैफलक तक पंचम फहराएंगे,गीत भाईचारे के गाएंगे।तिरंगा लहराए गौरवान्वित कर,बलिदानों से केसरिया दमकताशांति की सौगंध श्वेत रंग से निखरती,हरियाली से हरा-भरा हिदुस्तान।नीले चक्र की चौबीस तीली देती है,समय सूचक पैगाम प्रगतिशील रहो हमेशाहरे रंग की होती पहचान,समय की गति … Read more

इसी का नाम जिंदगी…

आकांक्षा चचरा ‘रूपा’कटक(ओडिशा)************************************* मिट्टी से जन्मे मिट्टी में मिल जाने का सफर जिंदगी है,पंच तत्व का दिव्य उपहार,रब की बंदगी करने का जरियाजिदगी है।ना साथ लाए,ना ले जाइएगा,नवजात कोपलें खिलने से वृद्धावस्था की धूप-छाँवखट्टे-मीठे लम्हों,क्षण बदलते सुख-दु:ख के पड़ाव को…माया के पाश को जिंदगी कहते हैं।जिंदगी समझ कर समझना मुश्किल था,खुशी,संवेदना,प्यार,नफरत,घुटन से लिपटा रूप मिलाकतरा-कतरा … Read more