मेरी संवेदनाएं
असित वरण दासबिलासपुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** मेरी संवेदनाएं गहरी झील में तैरतेउस कमल की तरह विकसित नहीं हो पाती,जिसने देखा हो रातभरखामोश कुहरों का जुल्म,और देखा हैओस की बूंदों का सामूहिक जन्म।फिर भी,रात की परतों में से उभरतेऊष्माहीन सूरज की प्रभा लिए,मेरा अंतर्मन ढूंढता फिरता हैप्रेम की हर परछाईं को,ढूंढता है ठहरावपाना चाहता है एक नमी,सूखी रेत की … Read more